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MahaShivratri 2018ः भागवान शिव को जलाभिषेक के लिए मंदिरों में भक्तों का तांता

देशभर में महाशिवरात्रि धूमधाम से मनाई जा रही है। सुबह से ही शिवालयों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। इस बार दो दिन मनाई जाएगी महाशिवरात्रि।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Tue, 13 Feb 2018 07:42 AM (IST)Updated: Tue, 13 Feb 2018 10:22 AM (IST)
MahaShivratri 2018ः भागवान शिव को जलाभिषेक के लिए मंदिरों में भक्तों का तांता
MahaShivratri 2018ः भागवान शिव को जलाभिषेक के लिए मंदिरों में भक्तों का तांता

नई दिल्ली (जेएनएन)। देशभर में आज धूमधाम से महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। सुबह से ही शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। शिवालयों को फूल-मलाओं से सजाया गया है। शिव भक्त मंदिरों में बेलपत्र और कच्चे दूध से भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने सुबह से ही लाइन में लगे हुए है। महाशिवरात्रि को भगवान शिव की पूजा करने का सबसे बड़ा दिन माना जा रहा है। मान्यता है कि इस दिन अगर भोलनाथ को खुश कर लिया, तो आपके सभी बिगड़े काम सफल हो जाते हैं। लेकिन इस बार शिवभक्तों को भोलनाथ को खुश करने के दो अवसर मिल रहे हैं। क्योंकि इस बार शिवरात्रि दो दिन मनाई जा रही है। 13 फरवरी यानी आज की रात 10 बजकर 35 मिनट पर चतुर्दशी तिथि का शुभारंभ होगा। वहीं, 14 फरवरी की रात 12 बजकर 46 मिनट तक चतुर्दशी रहेगी। ऐसे में दोनों ही दिन श्रद्धालु भोलेनाथ का जलाभिषेक कर सकते हैं।

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क्या है महाशिवरात्रि मनाने की मान्यता?

महाशिवरात्रि हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है। सालभर भक्त इस दिन का इंतजार करते हैं। कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव का मां पार्वती के साथ विवाद हुआ था। महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। यही कारण है कि इस बार दो दिन महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। आज देर रात से चतुर्थी तिथि लग रही है।

मध्यप्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर में भोलनाथ को सजाया गया है। महाकाल की भस्मा आरती की गई। सुबह से महाकाल के दर्शन के लिए भक्त लाइन में लगे हुए हैं। भोलनाथ के जयकारों से मंदिर गूंज रहा है। वहीं, पुणे के भीमाशंकर मंदिर में भी शिवभक्तों का तांता लगा हुआ है। पूरा वातावरण भक्तिमय हो रखा है। चारों दिशाओं से भगवान शिव के जयकारे सुनाई दे रहे हैं।

ऐसे भोलेनाथ को करें खुश

आपको बता दें कि भगवान शिव के 12 ज्योर्तिलिंग हैं। कहा जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन इन ज्योर्तिलिंगों के दर्शन बहुत भाग्यशाली और शुभ होता है। इस दिन शिवभक्त जल और कच्चे दूध से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं। जिसके बाद चंदन, फूल, बेलपत्र से शिवलिंग की पूजा-अर्चना करते हैं। भगवान शिव को सफेद फूल चढ़ाए जाते हैं, कहते हैं कि इससे वे जल्दी प्रसन्न होते हैं। शिवजी का जलाभिषेक केवल तांबे या पीतल के लोटे से ही करें। महाशिवरात्रि के अवसर पर कई जगहों पर तो आज के दिन भोलेनाथ की बारात निकालने की भी परंपरा है।


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