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पाक उच्चायोग के इशारे पर काम कर रहा था देविंदर, NIA की चार्जशीट में सनसनीखेज खुलासे

विशेष अदालत में दाखिल चार्जशीट में एनआइए ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस का निलंबित डीएसपी देविंदर सिंह पाकिस्‍तानी उच्चायोग के इशारे पर काम कर रहा था

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 06:01 AM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 10:43 AM (IST)
पाक उच्चायोग के इशारे पर काम कर रहा था देविंदर, NIA की चार्जशीट में सनसनीखेज खुलासे
पाक उच्चायोग के इशारे पर काम कर रहा था देविंदर, NIA की चार्जशीट में सनसनीखेज खुलासे

जम्मू, जेएनएन। हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी नवीद मुश्ताक और जम्मू-कश्मीर के निलंबित डीएसपी देविंदर सिंह समेत छह आरोपितों के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र में एनआइए ने कहा है कि नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग कश्मीरियों को देश के खिलाफ सड़कों पर उतारने और कश्मीर में भारत विरोधी सेमिनारों के आयोजन के लिए एडवोकेट इरफान शफी मीर को पैसा दे रहा था। यही नहीं पाकिस्‍तानी खुफ‍िया एजेंसी आइएसआइ ने उसे जम्मू-कश्मीर में आतंकी और अलगाववादी संगठनों के लिए एक नया हवाला चैनल भी तैयार करने का जिम्मा सौंपा था। यहां तक कि देविंदर सिंह भी सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी उच्चायोग के कई अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में था।

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पाकिस्‍तानी उच्‍चायोग करता था मदद

जम्मू स्थित विशेष एनआइए अदालत में देविंदर सिंह, आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर सईद नवीद मुश्ताक, गांदरबल के आतंकी रफी अहमद राथर, ओवरग्राउंड वर्कर इरफान शफी मीर उर्फ एडवोकेट, आतंकी नवीद के भाई सईद इरफान अहमद और क्रॉस एलओसी ट्रेडर तनवीर अहमद वानी के खिलाफ दाखिल आरोपपत्र में एनआइए ने कहा है कि इरफान शफी मीर नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के कई अधिकारियों के संपर्क में था। ये अधिकारी उसे कश्मीरियों को सड़कों पर लामबंद करने के लिए कश्मीर में अपने ही देश के विरोध में सेमिनार करने के लिए पैसा देते थे।

कई बार पाकिस्तान गया शफी मीर

इरफान शफी मीर कश्मीरियों को पाकिस्तान भेजने के लिए भी उनके वीजा की सिफारिशें भी करता था। यही नहीं वह कई बार पाकिस्तान गया और उसने वहां हिजबुल के प्रमुख कमांडरों से मुलाकात की। उसने उमर चीमा, अहसान चौधरी, सोहेल अब्बास समेत आइएसआइ के कई प्रमुख अधिकारियों से भी मुलाकात की। इन अधिकारियों ने उसे कश्मीर में आतंकी व अलगाववादी गतिविधियां के लिए हवाला के नए चैनल चिह्नित कर उन्हें क्रियाशील बनाने का जिम्मा सौंपा था।

आतंकी कमांडरों की मदद

जांच में पता चला है कि पाकिस्तान में बैठे हिजबुल कमांडर सईद सलाहुदीन और उसका डिप्टी आमिर खान, ऑपरेशनल कमांडर खुर्शीद आलम और वित्तीय प्रमुख नजर महमूद और अन्य कमांडर पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में सक्रिय हिजबुल के आतंकियों आतंकी कमांडरों को हर प्रकार से मदद कर रहे हैं।

आतंकियों को अपनी गाड़ी से ले जाता था देविंदर

आरोप पत्र में निलंबित डीएसपी देविंदर के बारे बताया गया कि वह सोशल मीडिया के जरिए नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के कई अधिकारियों के संपर्क में था। पाकिस्तानी अधिकारी उसे संवेदनशील जानकारियों को जमा करने के लिए तैयार कर रहे थे। फरवरी 2019 में देविंदर सिंह आतंकी नवीद को सुरक्षा एजेंसियों की नजर से बचाकर जम्मू लाया था। इरफान शफी मीर और सईद इरफान अहमद ने उसके लिए जम्मू में ठिकाने का बंदोबस्त किया था। देविंदर ने आतंकियों की आवाजाही के लिए कई बार अपने वाहन का इस्तेमाल किया। हथियार खरीदने में भी मदद का यकीन दिलाया।

क्रॉस एलओसी ट्रेड के जरिए आती थी रकम

आतंकी नवीद क्रॉस एलओसी व्यापारी तनवीर अहमद वानी के जरिए रकम हासिल करता था। वह इसे हथियारों के तस्करों और देविंदर सिंह के जरिये हासिल करता था। वानी के पास आतंकियों के लिए पहुंचाई जाने वाली रकम गुलाम कश्मीर से क्रास एलओसी ट्रेड में शामिल व्यापारियों के जरिए आती थी। आतंकी बनने से पहले नवीद पुलिस कर्मी था। वह सरकारी हथियारों संग फरार हो आतंकियों से जा मिला था। वह कई आतंकी वारदातों में लिप्त रहा है।

क्या है पूरा मामला

दक्षिण कश्मीर रेंज के डीआइजी अतुल कुमार गोयल ने इसी वर्ष 11 जनवरी को श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर काजीगुंड के निकट अल-स्टाप नाके के पास एक आई-20 कार को रोका था। कार को इरफान शफी मीर चला रहा था। कार में डीएसपी देविंदर ¨सह, हिजबुल मुजाहिदीन का कुख्यात आतंकी सईद नवीद मुश्ताक उर्फ नवीद बाबू एक अन्य आतंकी रफी अहमद राथर संग बैठा था। यह सभी जम्मू की तरफ जा रहे थे। गृह मंत्रालय ने मामले की जांच एनआइए के हवाले कर दी थी। इसके बाद प्रदेश पुलिस प्रशासन ने डीएसपी देवेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया।


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