Positive India : कोरोना से बचाव के लिए फिजिकल डिस्टैंसिंग का उल्लंघन होने पर अलर्ट करेगी ये डिवाइस
आईआईएसईआर द्वारा बनाए गए क्राउड एंड मास्क मॉनिटरिंग सिस्टम से भीड़ का प्रबंधन करने के साथ-साथ मॉनिटरिंग करने में भी मदद मिलेगी। आईआईएसईआर के डॉ पी. बी. सुजीत ने बताया कि वे साधारण एडवाइजरी सिस्टम बनाना चाहते थे जो छात्रों को फिजिकल डिस्टैंसिंग के नियमों का उल्लंघन करने से रोके।
नई दिल्ली, अनुराग मिश्र। बीते कुछ दिनों में देश के कुछ राज्यों में कोरोना के मामलों में फिर से बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में फिजिकल डिस्टैंसिंग और मास्क एक बार फिर सबसे अहम हो गए हैं। इसका पालन करके ही कोरोना का पूर्ण तौर पर खात्मा किया जा सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आईआईएसईआर), भोपाल ने एक मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित किया है, जो फिजिकल डिस्टेंसिंग को मेंटेन करने में मददगार है।
आईआईएसईआर द्वारा बनाए गए क्राउड एंड मास्क मॉनिटरिंग सिस्टम से भीड़ का प्रबंधन करने के साथ-साथ मॉनिटरिंग करने में भी मदद मिलेगी। डिवाइस के बारे में जानकारी देते हुए आईआईएसईआर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस विभाग के डॉ पी. बी. सुजीत ने बताया कि हम एक साधारण एडवाइजरी सिस्टम बनाना चाहते थे, जो छात्रों को फिजिकल डिस्टैंसिंग के नियमों का उल्लंघन करने से रोके। इसके लिए हमने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग का सहारा लिया। हमने डिवाइस में हाई डेफिनेशन कैमरा को कंप्यूटर माइक्रोचिप और पांच वोल्ट की बैटरी से अटैच किया। हमने इसका प्रयोग कैंपस में किया। जब कैमरा इस बात को पहचान लेता है कि फिजिकल डिस्टैंसिंग और मास्क के नियमों का पालन नहीं हो रहा है तो वह भीड़ को पहले से रिकॉर्ड मैसेज के माध्यम से सचेत करने लगता है।
इस प्रयोग को हमने अक्तूबर, 2020 में शुरू किया था। इसमें हम लगातार बदलाव कर रहे हैं, ताकि अलर्ट को फुलप्रूफ बनाया जा सके। हमारी योजना है कि इसका ओपन सोर्स सिस्टम के साथ-साथ इसके इस्तेमाल से जुड़े ट्यूटोरियल को भी आम आदमी को सरल और साधारण तरीके से उपलब्ध कराया जाए, ताकि आम लोगों को इसका अधिक से अधिक फायदा मिले। आईआईएसईआर भोपाल की टीम का कहना है कि अगर मौका मिलता है तो इस डिवाइस को भीड़भाड़ वाली विभिन्न जगहों पर लगाया जाएगा, ताकि कोरोना के दौर में सुरक्षा नियमों की अनदेखी न हो।
इस डिवाइस को आईआईएसईआर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ पी. बी. सुजीत, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ मित्रदीप भट्टाचार्यजी और शांतनु तालुकदार, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ वेंकटेश्वर राव और बीएसएमएस छात्र काशी विश्वनाथ ने मिलकर तैयार किया है।