प्राइम टीम, नई दिल्ली। हाउसिंग मार्केट में 2023 में जो तेजी थी, वह 2024 में भी बरकरार है। जनवरी-मार्च 2024 में एक साल पहले की तुलना में 14 प्रतिशत ज्यादा घरों की बिक्री हुई, लेकिन इस बिक्री में एक नए तरह का ट्रेंड देखने को मिल रहा है। महंगे घर ज्यादा बिक रहे हैं। प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी फर्म एनारॉक के अनुसार मार्च तिमाही में देश के सात बड़े शहरों में जितने घरों की बिक्री हुई उनमें से आधे प्रीमियम और लग्जरी सेगमेंट के थे। इनकी कीमत 80 लाख रुपये से अधिक है। एक अन्य प्रॉपर्टी कंसल्टेंट सीबीआरई के मुताबिक इस साल जनवरी से मार्च के दौरान चार करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाले घरों में बिक्री एक साल पहले के मुकाबले 10% बढ़ी है। यह स्थिति तब है जब घरों के दाम साल भर में 10% से 32% तक बढ़े हैं। सात बड़े शहरों में एनसीआर, कोलकाता, मुंबई, पुणे, चेन्नई, हैदराबाद और बेंगलुरू शामिल हैं।

एनारॉक के अनुसार, पहली तिमाही में बिके कुल घरों में मिड सेगमेंट यानी 40 से 80 लाख रुपये कीमत वाले घरों का हिस्सा 33% है। प्रीमियम घर यानी 80 लाख से डेढ़ करोड़ रुपये कीमत वाले घरों का हिस्सा 24% और डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत वाले लग्जरी घरों का हिस्सा 25% है। यानी कुल बिक्री में प्रीमियम और लग्जरी सेगमेंट का हिस्सा लगभग आधा, 49% हो गया है। अफोर्डेबल यानी 40 लाख से कम कीमत वाले घरों का हिस्सा सिर्फ 18% रहा।

लग्जरी और प्रीमियम घरों की बढ़ती मांग बताती है कि लोगों में लग्जरी लिविंग की ख्वाहिश बढ़ रही है। लग्जरी सेगमेंट का 25% हिस्सा है, उसमें भी 12% हिस्सा डेढ़ करोड़ से ढाई करोड़ वाले घरों का है और ढाई करोड़ से अधिक कीमत वाले घरों का हिस्सा 13% है। डेवलपर्स के पास भी जो इन्वेंटरी उपलब्ध है उसमें मिड सेगमेंट 30% और हाई एंड सेगमेंट 30% है। अफोर्डेबल सेगमेंट 24% तथा लग्जरी और अल्ट्रा लग्जरी सेगमेंट 16% है।

सीबीआरई के मुताबिक, चार करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाले लग्जरी सेगमेंट में बिक्री सालाना आधार पर 10% बढ़ी है। 2023 की पहली तिमाही में इस रेंज के 3780 घर बिके थे, इस बार 4140 घर बिके हैं। जनवरी-मार्च 2024 में कुल घरों की बिक्री में चार करोड़ से अधिक कीमत वाले घरों का हिस्सा 5% रहा, लेकिन इस सेगमेंट में नई लॉन्चिंग पिछले साल से 64% बढ़ी है।

एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी का कहना है, “नई सप्लाई बड़े और लिस्टेड डेवलपर की तरफ से आ रही है। इससे पता चलता है कि खरीदार भी ब्रांडेड प्रोडक्ट की तरफ जा रहे हैं। बड़े और ब्रांडेड डेवलपर समय पर प्रोजेक्ट पूरे कर रहे हैं। इससे खरीदार उनकी तरफ आकर्षित हो रहे हैं। पिछले वित्त वर्ष में बड़े डेवलपर्स ने काफी जमीन भी खरीदी है। इससे अंदाजा लगता है कि आने वाले समय में इन बड़े शहरों में नए प्रोजेक्ट काफी आएंगे।”

सीबीआरई के अनुसार, मुंबई और दिल्ली एनसीआर में सबसे ज्यादा लग्जरी घर बिके, लेकिन हैदराबाद और पुणे में कई गुना वृद्धि हुई है। हैदराबाद में पिछले साल के 380 की तुलना में इस बार 800 घर बिके हैं। पुणे में 150 की तुलना में 700 लग्जरी घर बिके। इन्वेंटरी की बात करें तो 40% से ज्यादा लग्जरी घरों की इन्वेंटरी मुंबई में है। वहां टिकट साइज भी ज्यादा है। 20 करोड़ से 60 करोड़ रुपये तक। एक सौ करोड़ से ज्यादा के भी कई अपार्टमेंट बिके हैं। 25 प्रतिशत लग्जरी इन्वेंटरी दिल्ली-एनसीआर में है।

सीबीआरई के भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया और मध्य पूर्व के चेयरमैन तथा सीईओ अंशुमन मैगजीन कहते हैं, लक्जरी रियल एस्टेट की मांग बताती है कि लोगों की आमदनी के साथ उनकी खर्च करने की क्षमता भी लगातार बढ़ रही है। सकारात्मक ट्रेंड को देखते हुए उम्मीद है कि डेवलपर इस सेगमेंट में नई लांचिंग बढ़ाएंगे।

एनारॉक के अनुसार, देश के सात बड़े शहरों में पहली तिमाही में 1,30,170 यूनिट घरों की बिक्री हुई। एक साल पहले, यानी जनवरी-मार्च 2023 में 1,13,775 यूनिट घरों की बिक्री हुई थी। यानी सालाना आधार पर बिक्री 14% बढ़ी है। पिछली तिमाही के मुकाबले इसमें दो प्रतिशत की वृद्धि हुई है। दिसंबर तिमाही में 1.27 लाख यूनिट घरों की बिक्री हुई थी।

घरों के दाम 10% से 32% तक बढ़े

जहां तक कीमतों की बात है तो रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी के दाम भी बढ़े हैं। एनारॉक के अनुसार, एक साल पहले की तुलना में देखें तो दाम में 10% से 32% की वृद्धि हुई है। पिछले तिमाही से तुलना करें तो तीन प्रतिशत से 10% तक वृद्धि देखने को मिलती है। दाम बढ़ने के दो प्रमुख कारण माने जा सकते हैं। एक तो कंस्ट्रक्शन मैटेरियल महंगे हुए हैं और दूसरा डिमांड बढ़ी है। साल भर में दाम में सबसे ज्यादा वृद्धि हैदराबाद में 31% और बेंगलुरु में 24% हुई है।

बड़े घरों की मांग पिछले साल से बढ़ रही है। उद्योग चैंबर फिक्की और एनारॉक के हाल के एक सर्वे में 50% लोगों ने कहा कि वे बड़े घर खरीदना चाहते हैं। दिल्ली-एनसीआर के अलावा बेंगलुरू, चेन्नई और हैदराबाद में 3-बीएचके घरों की मांग ज्यादा दिखी। इसके अलावा, 20% लोगों ने कहा कि वे डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत वाले घर खरीदने के लिए तैयार हैं। वर्ष 2021 में सिर्फ 12% लोग इतना महंगा घर खरीदने के लिए तैयार थे। पिछले साल बिकने वाले फ्लैट का औसत आकार भी बड़ा था। वर्ष 2022 में औसतन 1175 वर्ग फुट के घर बिके थे, जबकि 2023 में यह साइज 1300 वर्ग फुट हो गया।

घरों की रिकॉर्ड बिक्री के कारण

एनारॉक के मुताबिक, पहली तिमाही में घरों की रिकॉर्ड बिक्री के कई कारण माने जा सकते हैं। रियल एस्टेट में जो रेगुलेटरी रिफॉर्म होने थे, वे हो चुके हैं। इससे खरीदारों का भरोसा बढ़ा है। भारत की इकोनॉमी काफी तेजी से बढ़ रही है जिसका असर रियल एस्टेट मार्केट पर भी दिख रहा है। ब्याज दरें काफी समय से लगभग स्थिर हैं। बड़े डेवलपर्स का ट्रैक रिकार्ड अच्छा है, उनकी बैलेंस शीट मजबूत है और वे समय पर प्रोजेक्ट पूरा करके दे रहे हैं। कहा जा सकता है कि आने वाले समय में बड़े डेवलपर का मार्केट शेयर बढ़ेगा। रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की बढ़ती मांग और लागत में वृद्धि को देखते हुए आने वाले समय में भी कीमतें बढ़ने की संभावना रहेगी। दाम बढ़ने के बावजूद बड़े अपार्टमेंट की मांग बढ़ रही है। खरीदार बड़ी बालकनी की डिमांड कर रहे हैं। घर में भी उन्हें ओपन स्पेस ज्यादा चाहिए।

चुनाव वाले साल में ज्यादा बिक्री

वैसे, एक और रोचक तथ्य यह है कि आम चुनाव वाले सालों में घरों की बिक्री ज्यादा होती है। एनारॉक के आंकड़ों के मुताबिक, 2014 के चुनाव वाले साल में सात प्रमुख शहरों में 3.45 लाख घर बिके और 5.45 लाख यूनिट लांच हुए। फिर नोटबंदी, रेरा और जीएसटी लागू होने के बाद बिक्री में कई साल गिरावट आई, लेकिन 2019 के चुनाव वाले साल में इसमें फिर वृद्धि हुई। उस वर्ष 2.61 लाख घर बिके और 2.37 लाख लांच हुए। अर्थव्यवस्था में मजबूती को देखते हुए इस साल भी बिक्री का नया रिकॉर्ड बनने की उम्मीद है।

देखें वीडियोः इलेक्शन और घरों की बिक्री का क्या है कनेक्शन

सीबीआरई के मैगजीन एक और महत्वपूर्ण बात बताते हैं, रियल एस्टेट डेवलपमेंट में सस्टेनेबिलिटी एक महत्वपूर्ण फैक्टर बन गया है। ईको-फ्रेंडली और कम बिजली खपत वाले घरों के निर्माण पर फोकस बढ़ रहा है। इस श्रेणी के खरीदारों में जागरूकता बढ़ने से वे इस तरह के फीचर वाले घरों की मांग कर रहे हैं। इसलिए डेवलपर भी अपार्टमेंट में कम ऊर्जा खपत वाले अप्लायंस, रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम, इनडोर एयर क्वालिटी कंट्रोल और रिन्यूएबल एनर्जी जैसे विकल्प दे रहे हैं।