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अच्छे मानसून के बावजूद पंजाब और राजस्थान के बांधों का जल स्तर औसत से कम, पूर्वी क्षेत्र के जलाशय लबालब

मानसून की बारिश भले ही ज्‍यादा हुई हो लेकिन सरकारी आंकड़ों के मुताबिक उत्तरी क्षेत्र के बांध और जलाशयों का जल स्तर अभी भी पिछले एक दशक के औसत से भी नीचे है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 05 Sep 2020 06:49 PM (IST)Updated: Sat, 05 Sep 2020 06:49 PM (IST)
अच्छे मानसून के बावजूद पंजाब और राजस्थान के बांधों का जल स्तर औसत से कम, पूर्वी क्षेत्र के जलाशय लबालब
अच्छे मानसून के बावजूद पंजाब और राजस्थान के बांधों का जल स्तर औसत से कम, पूर्वी क्षेत्र के जलाशय लबालब

सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। मानसून की देशव्यापी सक्रियता से भले ही चौतरफा ज्यादा बारिश हुई हो लेकिन सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, उत्तरी क्षेत्र के बांध और जलाशयों का जल स्तर अभी भी पिछले एक दशक के औसत से भी नीचे है। उत्तरी क्षेत्र के राज्य हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में सामान्य से कम बरसात हुई है जबकि देश के बाकी हिस्‍सों में जमकर बारिश हो रही है। केंद्रीय जल आयोग देश के 123 बांध एवं जलाशयों के जल स्तर की निरंतर निगरानी करता है। इनमें से 43 ऐसे जलाशय हैं, जिनसे पन बिजली का उत्पादन किया जाता है।

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गंगा, कृष्णा, कावेरी समेत कई नदियों के बेसिन में पर्याप्त पानी

प्रत्येक जलाशय में स्थापित हाइड्रोपावर प्लांट की उत्पादन क्षमता 60 मेगावाट अथवा इससे अधिक है। आयोग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक गंगा, नर्मदा, ताप्ती, गोदावरी, महानदी, कृष्णा, कावेरी समेत दक्षिणी क्षेत्र की नदियों के बेसिन में पर्याप्त पानी उपलब्ध है। जबकि सिंधु नदी के बेसिन में पानी का स्तर सामान्य से कम दर्ज किया गया है। हालांकि सितंबर में होने वाली अच्छी बरसात की संभावना के मद्देनजर उम्मीद जताई जा रही है कि उत्तरी क्षेत्र के बांध एवं जलाशयों में पानी का स्तर बढ़ सकता है। इन जलाशयों से उत्तरी राज्यों की नहरों में जहां सिंचाई का पानी मिलता है वहीं बिजली का उत्पादन भी किया जाता है।

उत्तरी क्षेत्र के बांधों में 91 फीसद पानी

उत्तरी क्षेत्र के दायरे में आने वाले आठ बांध आते हैं, जो हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में स्थित हैं। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की बांध और बैराजों के जल स्तर पर जारी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इन जलाशयों व बांधों के जल स्तर की निगरानी केंद्रीय जल आयोग करता है। चालू सप्ताह तक इन बांधों में कुल 14.52 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पानी है। यह इन बांधों की कुल भंडारण क्षमता का 76 फीसद है। इसके मुकाबले पिछले साल इसी अवधि तक इन बांधों में 91 फीसद पानी भरा हुआ था। जबकि पिछले दस सालों में इन जलाशयों में भरे पानी का औसत 81 फीसद रहा है।

पूर्वी क्षेत्र के बांध लबालब

चालू सीजन में कम बरसात और नदियों का जल स्तर कम होने की वजह से इन जलाशयों व बांध में पानी कम भर पाया है। इसके मुकाबले पूर्वी क्षेत्र के झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और नगालैंड के 18 बांध व जलाशयों में जल स्तर पिछले साल के ही नहीं बल्कि 10 सालों के औसत से भी अधिक हो गया है। लगातार हो रही बारिश से जल स्तर और बढ़ सकता है। पश्चिमी क्षेत्र के गुजरात और महाराष्ट्र के 42 बांध व जलाशयों में भी पिछले साल के साथ 10 सालों के औसत से भी अधिक पानी भर चुका है।

मध्य क्षेत्र के जलाशयों में पर्याप्‍त पानी

मध्य क्षेत्र के राज्य उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कुल 19 बड़े बांध और जलाशय हैं, जिनका जल स्तर पर रिकार्ड स्तर को छूने लगा है। इनकी भंडारण क्षमता का 86 फीसद पानी भर चुका है। दक्षिणी क्षेत्र के आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के 36 बांध और जलाशयों में पर्याप्त पानी भर चुका है। उनकी कुल क्षमता का 80 फीसद पानी भर चुका है, जो अब तक का सर्वाधिक है।  


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