तेलंगाना में ऐतिहासिक सचिवालय भवन ढहाने का काम शुरू, विपक्षी पार्टियों ने की सरकार की आलोचना
हाई कोर्ट में दायर याचिकाओं में मौजूदा भवन को ध्वस्त कर नए सचिवालय परिसर का निर्माण करने के राज्य सरकार के फैसले को चुनौती दी गई थी।
हैदराबाद, प्रेट्र। तेलंगाना में चंद्रशेखर राव की अगुआई वाली सरकार ने पुराने सचिवालय भवन परिसर को ढहाने का काम शुरू कर दिया है। समय की कसौटी पर खरा उतरा यह पुराना भवन कई सरकारों के उत्थान और पतन का गवाह रहा है। यह कदम तेलंगाना हाई कोर्ट द्वारा कई जनहित याचिकाओं को खारिज किए जाने के बाद उठाया गया है। हाई कोर्ट में दायर याचिकाओं में मौजूदा भवन को ध्वस्त कर नए सचिवालय परिसर का निर्माण करने के राज्य सरकार के फैसले को चुनौती दी गई थी।
कांग्रेस और भाजपा समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने की आलोचना
सरकारी सूत्र ने कहा, 'मंगलवार सुबह से ही सचिवालय भवन को ढहाने का काम शुरू हो गया और यह जारी रहेगा।' कांग्रेस और भाजपा समेत विपक्षी पार्टियों ने कोविड-19 महामारी से निपटने को प्राथमिकता देने की जरूरत के समय में इस परियोजना पर काम शुरू करने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की है। सत्ताधारी पार्टी ने हालांकि कहा है कि हाई कोर्ट द्वारा रोक हटा लेने के बाद ही ढहाने का काम शुरू किया गया है। राज्य को एक सुनियोजित सचिवालय की दरकार है।
बता दें कि तेलंगान गठन के बाद पहली बार इसी सचिवालय से प्रशानिक कार्य आरंभ किया गया था। कुल 16 मुख्यमंत्रियों ने यहां से ही शासन किया। तत्कालानी निजाम सरकार ने 25 एकड़ में 10 लाख वर्ग फूट में सचिवालय का निर्माण किया। सचिवालय भवन में 10 ब्लॉक हैं। सबसे पुराना जी ब्लॉक साल 1888 में निर्मित किया गया था।
6 लाख वर्ग फुट में बनेगा नया सचिवालय
इसके बाद साल 2003 में डी ब्लॉक और साल 2012 में नार्थ और साउथ ब्लॉक को निर्मित किया गया। इसी क्रम में मुख्यमंत्री केसीआर ने 6 लाख वर्ग फुट में नये सचिवाल को 500 करोड़ रुपये से निर्मित किये जाने का फैसला लिया है। नये सचिवालय में अनेक प्रकार की सुविधा उपलब्ध किया जाएगा।