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पेयजल को वैधानिक बनाने की कवायद शुरू, पानी की गुणवत्ता को लेकर दिल्ली सरकार पर बरसे पासवान

दिल्ली में पेयजल की गुणवत्ता के बारे में पासवान ने कहा कि इसके लिए वह बहुत चिंतित हैं। राजधानी में रहने वाले गरीबों के बच्चे जलजनित बीमारियों से ग्रस्त हैं।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 27 Nov 2019 07:12 PM (IST)Updated: Wed, 27 Nov 2019 07:12 PM (IST)
पेयजल को वैधानिक बनाने की कवायद शुरू, पानी की गुणवत्ता को लेकर दिल्ली सरकार पर बरसे पासवान
पेयजल को वैधानिक बनाने की कवायद शुरू, पानी की गुणवत्ता को लेकर दिल्ली सरकार पर बरसे पासवान

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। दिल्ली में पेयजल की गुणवत्ता को लेकर उपभोक्ता मंत्रालय और दिल्ली सरकार के बीच तनातनी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि दिल्ली सरकार पेयजल में सुधार के लिए तैयार नहीं है। केंद्र अब पेयजल की वैधानिक बनाने की तैयारी में जुट गया है। इसके लिए जल शक्ति मंत्रालय को प्रस्ताव भेज दिया गया है, जिस पर वह राज्यों की सहमति के साथ आगे बढ़ सकता है।

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क्वालिटी कंट्रोल आर्डर का मसौदा तैयार

पेयजल को वैधानिक बनाने के लिए पानी को एक उत्पाद के रूप में मान्यता जाती है। दूसरे स्तर पर पानी के स्रोत, आपूर्ति लाइन प्रोसेसिंग और भंडारण की पूरी श्रृंखला के कंट्रोल प्वाइंट की गुणवत्ता का मानक होता है। सभी स्तरों पर पानी की जांच होती है। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के महानिदेशक पीके तिवारी ने बताया कि क्वालिटी कंट्रोल आर्डर का मसौदा तैयार कर उपभोक्ता मामले विभाग को सौंप दिया है, जिसे अगली कार्यवाही के लिए जल शक्ति मंत्रालय को भेज दिया गया है।

सभी राज्यों से पेयजल की गुणवत्ता में सुधार लाने के बारे में चर्चा

पासवान ने बुलाई प्रेसवार्ता में एक बार फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा, 'वह दिल्ली के पानी की गुणवत्ता को लेकर गंभीर नहीं हैं।' पासवान ने कहा कि उन्हें पूरे देश में पेयजल की गुणवत्ता की चिंता है। इसी क्रम में नौ दिसंबर को बीआईएस के महानिदेशक ने सभी राज्य सरकारों के जलापूर्ति से जुड़े विभागीय अधिकारियों की एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की है। इसमें सभी राज्यों से पेयजल की गुणवत्ता में सुधार लाने के बारे में चर्चा होगी।

दिल्ली में गरीबों के बच्चे जलजनित बीमारियों से ग्रस्त- पासवान

दिल्ली में पेयजल की गुणवत्ता के बारे में पासवान ने कहा कि इसके लिए वह बहुत चिंतित हैं। राजधानी में रहने वाले गरीबों के बच्चे जलजनित बीमारियों से ग्रस्त हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पानी की जांच संयुक्त टीम से कराने और जहां गड़बड़ी पाई जाए, उसमें सुधार लाया जाए। पहले चरण में 20 राज्यों की राजधानी वाले शहरों के पानी की जांच की गई। दूसरे चरण में जनवरी के पहले सप्ताह में देश के 100 स्मार्ट सिटी में पेयजल की जांच की जाएगी, जबकि तीसरे चरण में 15 अगस्त 2020 तक देश के सभी जिला मुख्यालयों में पीने के पानी की जांच कराई जाएगी। इसका मकसद उपभोक्ताओं को स्वच्छ पेयजल के प्रति जागरूक बनाना भी है।


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