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दिल्ली में नर्सरी दाखिले में मैनेजमेंट कोटा समाप्त

राजधानी में नर्सरी दाखिले को लेकर उपराज्यपाल के आदेश के बाद नए दिशा-निर्देश आ गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इससे स्कूलों में प्रवेश को लेकर आ रही शिकायतों में से अधिकांश का निवारण हो जाएगा। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि इससे निजी स्कूलों की नर्सरी दाखिले को लेकर की जा रही मनमानी पर लगाम लगेगी और इनका एकाधिकार समाप्त माना जा रहा है। इसमें कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट हो गई है। स्कूल अब प्वाइंट सिस्टम का निर्धारण मनमाने तरीके से नहीं कर पाएंगे। दो प्रमुख बदलावों में बच्चों का घर से 6 किलोमीटर तक की दूरी पर स्थित स्कूल के लिए 70 अंक दिए जाएंगे, जबकि मैनेजमेंट कोटा पूरी तरह खत्म कर दिया गया है।

By Edited By: Published: Thu, 19 Dec 2013 12:49 PM (IST)Updated: Thu, 19 Dec 2013 01:34 PM (IST)
दिल्ली में नर्सरी दाखिले में मैनेजमेंट कोटा समाप्त

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी में नर्सरी दाखिले को लेकर उपराज्यपाल के आदेश के बाद नए दिशा-निर्देश आ गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इससे स्कूलों में प्रवेश को लेकर आ रही शिकायतों में से अधिकांश का निवारण हो जाएगा। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि इससे निजी स्कूलों की नर्सरी दाखिले को लेकर की जा रही मनमानी पर लगाम लगेगी और इनका एकाधिकार समाप्त माना जा रहा है। इसमें कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट हो गई है। स्कूल अब प्वाइंट सिस्टम का निर्धारण मनमाने तरीके से नहीं कर पाएंगे। दो प्रमुख बदलावों में बच्चों का घर से 6 किलोमीटर तक की दूरी पर स्थित स्कूल के लिए 70 अंक दिए जाएंगे, जबकि मैनेजमेंट कोटा पूरी तरह खत्म कर दिया गया है।

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शिक्षा निदेशालय द्वारा विज्ञप्ति में स्पष्ट रूप से निर्देशित है कि निजी स्कूलों में किसी तरह का मैनेजमेंट कोटा नहीं होगा।

इसके अलावा अमूमन नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

पढ़ें: शिक्षा का अधिकार कानून नर्सरी दाखिले पर लागू नहीं: हाईकोर्ट

शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी अन्य प्रमुख दिशा निर्देश-

* अल्पसंख्यक वर्ग के स्कूलों के अतिरिक्त अन्य स्कूलों में 25 फीसद सीट आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित रहेगी।

* 5 फीसद स्कूल के कर्मचारियों का कोटा होगा।

* सह शिक्षा के रूप से चलाए जाने वाले स्कूलों में 5 फीसद लड़कियों के कोटे का भी निर्धारण किया जाएगा।

* इसके अतिरिक्त सभी सीटों सबके लिए खुली हैं।

* यदि किसी कारण स्कूलों में सीटों की संख्या बची रह जाती है तो उसकी भरपाई ड्रा द्वारा की जाएगी।

* वे अल्पसंख्यक स्कूल, जिनका निर्माण सरकारी द्वारा प्रदान की गई भूमि पर हुआ है उनको भी आर्थिक रूप से कमजोर 20 फीसद छात्रों को प्रवेश देना होगा और यहां भी 5 फीसद कर्मचारियों का कोटा तथा सह शिक्षा स्कूल में 5 फीसद छात्राओं के लिए कोटा का निर्धारण किया जाएगा।

* अल्पसंख्यक स्कूलों में भी कोटा का निर्धारण अन्य स्कूलों के नियमानुसार होगा।

* सैनिक स्कूल,अ‌र्द्ध सैनिक स्कूल, केन्द्रीय सेवा और आल इंडिया सर्विस के स्कूलों में भी यह नियम लागू होगा।

* सैनिक स्कूल, अ‌र्द्धसैनिक स्कूल, केंद्रीय सेवा और आल इंडिया सर्विस के स्कूलों में भी 5 फीसद कर्मचारियों का और 5 फीसद सह शिक्षा पर लड़कियों का कोटा निर्धारित होगा।

* सैनिक स्कूल, अ‌र्द्धसैनिक स्कूल, केंद्रीय सेवा और आल इंडिया सर्विस के स्कूलों में भी इन सेवाओं में काम करने वाले लोगों के लिए सीटों का आरक्षण होगा, बाकी सीटों का निर्धारण सामान्य नियमों के अनुसार होगा।

* निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि निजी स्कूल नर्सरी दाखिले में पूरी तरह से पारदर्शिता बरतें।

आल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन के अशोक अग्रवाल ने कहा कि खुशी है कि उपराज्यपाल ने अभिभावकों की भावनाओं और परेशानियों को समझा है। मैं इसका स्वागत करता हूं। अब स्कूलों की मनमानी नहीं चल सकेगी। नर्सरी दाखिला के नाम पर यह मनमाने ढंग से अभिभावकों को प्वाइंट देते थे।

इस तरह होगा 100 अंकों का बंटवारा

* घर से 6 किलोमीटर की दूरी के स्कूल में प्रवेश लेने पर 70 अंक।

* एक घ्च्च् के दो च्च्चों का एक ही स्कूल में दाखिला होने पर 20 अंक।

* स्कूल में अभिभावक भी यदि शिक्षा ले चुका हो तो 5 अंक।

* अंतरराज्यीय तबादला पर 5 अंक।

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