डीआरडीओ के सेमिनार में बोले राजनाथ सिंह, ‘तकनीकी युद्ध में आईटी, एआई, रोबोटिक्स जैसे नए अध्याय जोड़ रहा है संस्थान’
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह डिफेंस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन द्वारा भविष्य की तैयारियों को लेकर आयोजित एक सेमिनार में शामिल हुए। उन्होंने रक्षा क्षेत्र में DRDO का महत्व बताते हुए कहा कि संस्थान अब एक नई भूमिका निभाएगा।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह डिफेंस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन द्वारा भविष्य की तैयारियों को लेकर आयोजित एक सेमिनार में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने रक्षा क्षेत्र में DRDO का महत्व बताते हुए कहा कि संस्थान अब एक नई भूमिका निभाएगा। रक्षा मंत्री ने बताया कि डीआरडीओ अब न सिर्फ रक्षा अनुसंधान और विकास के लिए काम करेगा, बल्कि निजी क्षेत्रों के आंतरिक अनुसंधान और विकास के लिए भी सहयोग करेगा।
भविष्य के दृष्टिकोण को लेकर काम
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि डीआरडीओ भविष्य के दृष्टिकोण को लेकर काम कर रहा है। जो कि अपनी तरह में अनोखा है, इससे वर्तमान और भविष्य में आने वाली मुश्किलों का सामना करने और उनका समाधान निकालने में आसानी होगी। हम हर दिन आईटी, एआई और रोबोटिक्स जैसे तकनीकी युद्ध क्षेत्रों में एक नया अध्याय जोड़ने पर काम कर रहे हैं।
शहीदों को किया याद
सेमिनार के दौरान रक्षा मंत्री ने दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत को भी याद किया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि ‘इस वक्त मेरे अंदर मिश्रित भावनाएं उमड़ रही हैं। एक तरफ डीआरडीओ 'आजादी का अमृत महोत्सव' मना रहा है, तो दूसरी तरफ सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य हमारे साथ नहीं हैं।’
वरुण सिंह का इलाज जारी
गौरतलब है कि बीती 8 दिसंबर को देश के पहले चीफ आफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य लोगों की सेना का एमआई-17 वी5 हेलीकाप्टर क्रैश होने के बाद उनकी मौत हो गई थी। जबकि हादसे में एक मात्र जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का नाजुक हालत में सेना के एक अस्पताल में इलाज जारी है। पूरा देश उनके जल्द ही स्वस्थ होने की कामना कर रहा है। यह हादसा तमिलनाडु के कुन्नूर के पास नीलगिरी की पहाड़ियों में उस वक्त हुआ जब सीडीएस समेत 13 लोग डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कालेज, वेलिंग्टन एक पूर्व निरधारित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जा रहे थे।