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ऊंचाई वाले स्थानों पर घटिया कपड़ों के इस्तेमाल की कैग रिपोर्ट सेना ने नकारी, PAC के सामने पेश हुए सीडीएस

लद्दाख और सियाचिन जैसे इलाकों में तैनात सैनिकों के लिए घटिया स्नो गोगल्स मल्टीपर्पज बूटों की कमी वाली कैग की रिपोर्ट को सेना ने नकार दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 06:02 AM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 06:02 AM (IST)
ऊंचाई वाले स्थानों पर घटिया कपड़ों के इस्तेमाल की कैग रिपोर्ट सेना ने नकारी, PAC के सामने पेश हुए सीडीएस
ऊंचाई वाले स्थानों पर घटिया कपड़ों के इस्तेमाल की कैग रिपोर्ट सेना ने नकारी, PAC के सामने पेश हुए सीडीएस

नई दिल्ली, आइएएनएस। लद्दाख और सियाचिन जैसे इलाकों में तैनात सैनिकों के लिए घटिया स्नो गोगल्स, मल्टीपर्पज बूटों और ऊंचाई वाले स्थानों के लिए कपड़ों एवं उपकरणों के इस्तेमाल और उनकी कमी के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के निष्कर्षों को सेना ने नकार दिया है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत शीर्ष सैन्य कमांडरों के साथ सोमवार को संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के समक्ष पेश हुए थे।

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कैग की रिपोर्ट पर आपत्ति जताई

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी इस समिति के अध्यक्ष हैं। समिति के समक्ष सेना ने ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कपड़ों, उपकरणों, राशन और आवास के मसले पर कैग की रिपोर्ट पर आपत्ति जताई। कैग की यह रिपोर्ट इस साल फरवरी में सदन के पटल पर रखी गई थी। कैग ने सैनिकों के लिए घटिया सामग्री और उनके चयन में अनियमितता का आरोप लगाया था। इस पर सेना ने कहा कि लैब टेस्टिंग में विसंगतियों के कारण आपूर्तिकर्ता और डायरेक्टरेट जनरल क्वालिटी एश्योरेंस के बीच विवाद हो गया था।

गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं

अधिकार प्राप्त समिति के हस्तक्षेप के बाद संयुक्त निरीक्षण कराया गया था। सेना ने कहा कि गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया गया था और आज तक सैनिकों की ओर से किसी खामी की शिकायत नहीं आई है। कैग ने रिपोर्ट में 2016 के दौरान मल्टीपर्पज बूटों की कमी का भी जिक्र किया था। जिसके वजह से जवानों को रिसाइकिल्ड बूट पहनने पड़े थे। इस पर सेना ने कहा कि कैग की रिपोर्ट 2013 में हुई समीक्षा पर आधारित है और ऑडिट मिलान के लिए वास्तविक स्टॉक के आंकड़े अब उपलब्ध करा दिए गए हैं।

मल्टीपर्पज बूटों की कोई कमी नहीं थी

सेना ने कहा है कि कथित अवधि के दौरान मल्टीपर्पज बूटों की कोई कमी नहीं थी। बूट कांबैट आरआइ और मैट्रस एमके-2 को उपयोग अवधि के दौरान इस्तेमाल नहीं कर पाने संबंधी कैग के निष्कर्ष पर सेना ने कहा कि उपयोग अवधि सिर्फ एक गाइडलाइन है और ऑडिट में इंगित वस्तुओं का जवानों द्वारा पूरा इस्तेमाल किया गया।

कोई शिकायत नहीं मिली

सेना ने कहा कि गुणवत्ता को लेकर कोई शिकायत नहीं मिली और उपयोग अवधि प्रबंधन के कारण सरकार को कोई नुकसान नहीं हुआ। कैग रिपोर्ट में कहा गया कि विशेष कपड़ों और पर्वतारोहण से संबंधित तीन वस्तुएं उपयोग अवधि खत्म होने के बाद यूनिटों का जारी की गईं। इस पर सेना ने कहा कि उपयोग अवधि का विस्तार नियमित प्रक्रिया है और सभी वस्तुओं का पूरी तरह इस्तेमाल किया गया। इससे सरकार को कोई नुकसान नहीं हुआ। 


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