संबित पात्रा की नियुक्ति को चुनौती देने के मामले में फैसला सुरक्षित
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी हरिशंकर ने कहा कि वह मामले में आठ नवंबर को फैसला सुनाएंगे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा को ओएनजीसी में स्वतंत्र निदेशक नियुक्त करने को चुनौती देने वाली याचिका पर हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी हरिशंकर ने कहा कि वह मामले में आठ नवंबर को फैसला सुनाएंगे।
याचिकाकर्ता एनजीओ की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वकील जयंत भूषण ने ओएनजीसी में स्वतंत्र निदेशक के तौर पर नियुक्त किए गए संबित पात्रा की योग्यता को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि संबित की नियुक्ति के लिए सभी प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। संबित पात्रा डॉक्टर हैं और ओएनजीसी का मेडिकल क्षेत्र से कोई लेना-देना नहीं है। वह भाजपा के सक्रिय सदस्य हैं और ओएनजीसी में स्वतंत्र निदेशक नहीं बनाए जा सकते। यह नियमों के खिलाफ है। केंद्र की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा कि संबित पात्रा सफलतापूर्वक गैर सरकारी संगठन चला रहे हैं, उनमें मैनेजमेंट की पूरी योग्यता है और वह इस पद के लिए योग्य हैं।
यह भी पढ़ें: वाम विचारधारा के मूल में ही विघटन : संबित पात्रा