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संसद में उठा ब्रिटेन में नस्लभेद का मुद्दा, विदेश मंत्री ने दिया आश्वासन, जानें- क्या है पूरा मामला

विदेश मंत्री जयशंकर ने इसे बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा करार दिया और कहा कि ब्रिटेन में नस्लवाद को लेकर जो हो रहा है उस पर भारत नजर रखे हुए है और ब्रिटेन का मित्र राष्ट्र होने की वजह से हम जरूरत पड़ने पर उनसे इस बारे में बात भी करेंगे।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Mon, 15 Mar 2021 09:30 PM (IST)Updated: Mon, 15 Mar 2021 09:43 PM (IST)
संसद में उठा ब्रिटेन में नस्लभेद का मुद्दा, विदेश मंत्री ने दिया आश्वासन, जानें- क्या है पूरा मामला
रश्मि सामंत के मुद्दे पर सदन में बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कूटनीति की बिसात पर आम तौर पर जिस अंदाज में सवाल पूछा जाता है, उसी अंदाज में उसका जवाब दिया जाता है। कुछ ऐसा ही भारत की संसद में सोमवार को तब हुआ जब ब्रिटेन में नस्ली भेदभाव का मुद्दा उठाया गया। मुद्दा उठाया ओडिशा से भाजपा सांसद अश्वनी वैष्णव ने। उन्होंने आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन चुनाव प्रक्रिया में एक भारतीय छात्र के साथ नस्ली भेदभाव की बात उठाई। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इसे बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा करार दिया और कहा कि ब्रिटेन में नस्लवाद को लेकर जो हो रहा है, उस पर भारत नजर रखे हुए है और ब्रिटेन का मित्र राष्ट्र होने की वजह से हम जरूरत पड़ने पर उनसे इस बारे में बात भी करेंगे।

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यह पूरा घटनाक्रम पिछले हफ्ते ब्रिटिश संसद में भारत में कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन पर हुई चर्चा जैसा रहा। तब कई ब्रिटिश सांसदों ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए भारत सरकार की कानून बनाने की प्रक्रिया में खामी बताई और कुछ ने प्रेस की आजादी को दबाने जैसी टिप्पणी की। बाद में ब्रिटेन के उपविदेश मंत्री ने आधिकारिक तौर पर कृषि सुधार कानूनों को भारत का आंतरिक मामला करार दिया था। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत हमारा मित्र राष्ट्र है और हम उससे कृषि कानून विरोधी आंदोलन पर बात करेंगे। भारत को ब्रिटिश सरकार का यह रवैया काफी नागवार गुजरा था। भारत ने अपने अंदरूनी मुद्दों पर ब्रिटिश संसद में चर्चा करवाने पर सवाल उठाया था और इसे एकतरफा बताते हुए तथ्यों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया था। भारत ने नई दिल्ली स्थित ब्रिटेन के उच्चायुक्त को विदेश मंत्रालय में समन किया था और अपनी नाराजगी से अवगत भी कराया था।

सामंत को चुनाव जीतने के बाद अपने पद से देना पड़ा था इस्तीफा

हाल ही में ब्रिटेन के शाही परिवार की बहू डचेज आफ ससेक्स मेघन मर्केल की तरफ से राजघराने में उनके साथ नस्ली भेदभाव किए जाने का आरोप लगाया है। लेकिन भारतीय संसद में पहली बार ब्रिटेन में नस्ली भेदभाव करने का मुद्दा उठाते हुए भाजपा सांसद वैष्णव ने आक्सफोर्ड छात्र संघ चुनाव में प्रेसीडेंट पद का चुनाव पहली बार जीतने वाली रश्मि सामंत का मुद्दा सामने लाया। सामंत को चुनाव जीतने के बाद अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है। वैष्णव ने कहा कि सामंत को जबरदस्त तरीके से साइबर बु¨लग का निशाना बनाया गया, उनके परिवार पर नस्ली टिप्पणियां की गईं। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि सामंत को उनकी पुरानी नस्ली टिप्पणियों की वजह से ही निशाना बनाया गया। बहरहाल, वैष्णव ने इस पर विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया जाननी चाही।

ब्रिटेन के साथ भारत के हैं काफी मजबूत रिश्ते: एस जयशंकर

विदेश मंत्री जयशंकर ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाने के लिए वैष्णव को धन्यवाद दिया और कहा कि मैं इस महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाने के लिए सम्मानीय सांसद का धन्यवाद करता हूं। सरकार इस बारे में सदन के सदस्यों की भावनाओं की कद्र करती है। महात्मा गांधी की धरती होने की वजह से रंगभेद कहीं भी हो, हम उससे आंख नहीं मूंद सकते। खास तौर पर उस देश में ऐसा हो रहा है जहां बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं। वैसे भी ब्रिटेन का मित्र होने की वजह से हमें उसकी अंतरराष्ट्रीय छवि की चिंता है। मैं यह भी बताना चाहूंगा कि ब्रिटेन के साथ हमारे काफी मजबूत रिश्ते हैं और जब जरूरत होगी तो इस बारे में हम खुलकर अपनी बात रख सकते हैं। हम इस पूरे प्रकरण पर काफी करीबी नजर रखेंगे और नस्ली भेदभाव व दूसरी असहिष्णुताओं पर हमेशा अपनी बात रखेंगे।


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