डीसीजीआइ ने रिलायंस की कोविड-19 रोधी वैक्सीन के पहले चरण के ट्रायल को शर्तों के साथ मंजूरी दी
देश के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने शुक्रवार को मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस लाइफ साइंसेस को उसकी स्वदेशी कोविड-19 रोधी वैक्सीन के पहले चरण के क्लिनिकल ट्रायल के लिए कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दे दी है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। देश के औषधि महानियंत्रक (Drugs Controller General of India, DCGI) ने शुक्रवार को मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस लाइफ साइंसेस को उसकी स्वदेशी कोविड-19 रोधी वैक्सीन के पहले चरण के क्लिनिकल ट्रायल के लिए कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दे दी है। सूत्रों ने बताया कि सार्स-सीओवी-2 रिकांबिनेंट प्रोटीन सबयूनिट वैक्सीन की प्रतिरक्षा क्षमता का मूल्यांकन करने के लिए स्वस्थ प्रतिभागियों में पहले चरण का क्लिनिकल ट्रायल किया जाएगा।
लगाई यह शर्त
सूत्रों ने DCGI की ओर से लगाई गई शर्तों का जिक्र करते हुए कहा कि कंपनी को प्रतिरक्षाजनत्व (Immunogenicity) का संशोधित क्लिनिकल परीक्षण प्रोटोकॉल 14वें दिन के बजाय 42वें दिन जमा करना होगा। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की विषय विशेषज्ञ समिति ने इसकी सिफारिश की है। औषधि महानियंत्रक (Drugs Controller General of India, DCGI) ने विषय विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर उक्त मंजूरी दी है। समिति ने कंपनी के आवेदन पर 26 अगस्त को विचार किया था।
महाराष्ट्र में आठ स्थानों पर होगा ट्रायल
समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक इस वैक्सीन का ट्रायल महाराष्ट्र में आठ स्थानों पर किया जाएगा। बता दें कि देश के औषधि महानियंत्रक (Drugs Controller General of India, DCGI) ने अभी तक छह कोविड-19 रोधी वैक्सीन को देश में आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी है। इनमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, जाइडस कैडिला की जाइकोवी-डी शामिल है। DCGI की ओर से दी गई मंजूरी में रूस निर्मित स्पूतनिक-वी और अमेरिकी कंपनियों मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन की दो वैक्सीन भी शामिल हैं।
बायोजिकल ई को बच्चों पर ट्रायल की मंजूरी
यही नहीं हैदराबाद स्थित फार्मास्यूटिकल्स कंपनी बायोलाजिकल-ई को भी पांच साल से अधिक उम्र के बच्चों और किशोरों पर अपनी कोरोना वैक्सीन के दूसरे और तीसरे फेज के ट्रायल की मंजूरी मिल गई है। कंपनी द्वारा तैयार किए गए कोरोना टीके का नाम कार्बिवैक्स है। इसे जैव प्रौद्योगिकी विभाग और जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआइआरएसी) के सहयोग से विकसित किया गया है। बता दें कि कंपनी ने वयस्कों के लिए भी टीका तैयार किया है, जिसका ट्रायल अंतिम चरण में है।