Move to Jagran APP

डीसीजीआइ ने रिलायंस की कोविड-19 रोधी वैक्‍सीन के पहले चरण के ट्रायल को शर्तों के साथ मंजूरी दी

देश के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने शुक्रवार को मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस लाइफ साइंसेस को उसकी स्‍वदेशी कोविड-19 रोधी वैक्‍सीन के पहले चरण के क्लिनिकल ट्रायल के लिए कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दे दी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 03 Sep 2021 11:45 PM (IST)Updated: Sat, 04 Sep 2021 12:13 AM (IST)
डीसीजीआइ ने रिलायंस की कोविड-19 रोधी वैक्‍सीन के पहले चरण के ट्रायल को शर्तों के साथ मंजूरी दी
DCGI ने शुक्रवार को रिलायंस लाइफ साइंसेस की वैक्‍सीन के पहले चरण के ट्रायल को मंजूरी दे दी है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। देश के औषधि महानियंत्रक (Drugs Controller General of India, DCGI) ने शुक्रवार को मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस लाइफ साइंसेस को उसकी स्‍वदेशी कोविड-19 रोधी वैक्‍सीन के पहले चरण के क्लिनिकल ट्रायल के लिए कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दे दी है। सूत्रों ने बताया कि सार्स-सीओवी-2 रिकांबिनेंट प्रोटीन सबयूनिट वैक्‍सीन की प्रतिरक्षा क्षमता का मूल्यांकन करने के लिए स्वस्थ प्रतिभागियों में पहले चरण का क्लिनिकल ट्रायल किया जाएगा।

loksabha election banner

लगाई यह शर्त 

सूत्रों ने DCGI की ओर से लगाई गई शर्तों का जिक्र करते हुए कहा कि कंपनी को प्रतिरक्षाजनत्व (Immunogenicity) का संशोधित क्लिनिकल परीक्षण प्रोटोकॉल 14वें दिन के बजाय 42वें दिन जमा करना होगा। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की विषय विशेषज्ञ समिति ने इसकी सिफारिश की है। औषधि महानियंत्रक (Drugs Controller General of India, DCGI) ने विषय विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर उक्‍त मंजूरी दी है। समिति ने कंपनी के आवेदन पर 26 अगस्त को विचार किया था।

महाराष्ट्र में आठ स्थानों पर होगा ट्रायल

समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक इस वैक्‍सीन का ट्रायल महाराष्ट्र में आठ स्थानों पर किया जाएगा। बता दें कि देश के औषधि महानियंत्रक (Drugs Controller General of India, DCGI) ने अभी तक छह कोविड-19 रोधी वैक्‍सीन को देश में आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी है। इनमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, जाइडस कैडिला की जाइकोवी-डी शामिल है। DCGI की ओर से दी गई मंजूरी में रूस निर्मित स्पूतनिक-वी और अमेरिकी कंपनियों मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन की दो वैक्‍सीन भी शामिल हैं।

बायोजिकल ई को बच्चों पर ट्रायल की मंजूरी

यही नहीं हैदराबाद स्थित फार्मास्यूटिकल्स कंपनी बायोलाजिकल-ई को भी पांच साल से अधिक उम्र के बच्चों और किशोरों पर अपनी कोरोना वैक्सीन के दूसरे और तीसरे फेज के ट्रायल की मंजूरी मिल गई है। कंपनी द्वारा तैयार किए गए कोरोना टीके का नाम कार्बिवैक्स है। इसे जैव प्रौद्योगिकी विभाग और जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआइआरएसी) के सहयोग से विकसित किया गया है। बता दें कि कंपनी ने वयस्कों के लिए भी टीका तैयार किया है, जिसका ट्रायल अंतिम चरण में है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.