चीन के विरोध के बावजूद तवांग पहुंचे दलाई लामा, जोरदार स्वागत
भारत का सबसे बड़ा विहार तवांग मठ तिब्बत के पोटाला पैलेस के बाद दुनिया में दूसरा बड़ा मठ माना जाता है।
तवांग, आइएएनएस। तिब्बत के आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा अरुणाचल प्रदेश में तवांग मठ पहुंच गए। उनकी इस यात्रा से चीन नाराज है। शुक्रवार को यहां पहुंचने पर तिब्बत के धर्मगुरु का जोरदार स्वागत किया गया। नोबल पुरस्कार से सम्मानित दलाई लामा इसी विहार में ठहरेंगे।
भारत का सबसे बड़ा विहार तवांग मठ तिब्बत के पोटाला पैलेस के बाद दुनिया में दूसरा बड़ा मठ माना जाता है। 1959 में तिब्बत से भागकर दलाई लामा भारत पहुंचे और तभी से यहां रह रहे हैं। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी उनके साथ तवांग मठ तक पहुंचे। बर्फ से ढकी चोटियों के बीच समुद्र तल से 10,000 फीट की ऊंचाई पर यह मठ स्थित है। यहां के निवासी मोनपा समुदाय के लोग तिब्बती बौद्ध मत के अनुयायी हैं। 81 वर्षीय धर्मगुरु के स्वागत में तवांग शहर को सजाया गया है। सड़क के दोनों तरफ लोग बौद्ध धर्म की परंपरा के अनुसार चादर लपेटे और हाथों में धूप थामे खड़े थे।
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि दलाई लामा की एक झलक पाने के लिए लद्दाख और पड़ोसी देश भूटान तक से हजारों लोग आए हुए थे।बौद्ध मठ के सचिव लोब्सांग खुम ने कहा, 'पिछले दो महीने से हम दलाई लामा की प्रतीक्षा कर रहे थे। हर कोई उन्हें देखना चाहता है। उनसे बात करना चाहता है और उनका आशीर्वाद लेना चाहता है।'दलाई लामा चार अप्रैल को तवांग से एक सप्ताह की अरुणाचल यात्रा शुरू करने वाले थे। लेकिन खराब मौसम के कारण उन्हें अपनी यात्रा रोकनी पड़ी। असम के डिब्रूगढ़ से उनका हेलीकाप्टर उड़ान नहीं भर सका था।
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