Cyclone Yass: टाक्टे के बाद अब मंडराया यास चक्रवात का खतरा, कैबिनेट सचिव ने लिया तैयारियों का जायजा
अब पूर्वी तट पर चक्रवात यास का खतरा मंडरा रहा है। आइएमडी ने कहा कि चक्रवात यास के अति गंभीर चक्रवात में बदलने और 26 मई को ओडिशा व बंगाल के तटों को पार करने की आशंका है।
नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। देश के पश्चिमी समुद्र तट पर पिछले हफ्ते टाक्टे चक्रवात की तबाही झेल चुकने के बाद अब पूर्वी तट पर चक्रवात यास का खतरा मंडरा रहा है। भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) ने शनिवार को कहा कि चक्रवात यास के अति गंभीर चक्रवात में बदलने और 26 मई को ओडिशा व बंगाल के तटों को पार करने की आशंका है। इस दौरान हवा की गति 155 से 165 किमी प्रति घंटा रहने और मूसलाधार बारिश होने का अनुमान है।
इसके मद्देनजर कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने चक्रवात से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की और कोरोना मरीजों, अस्पतालों और आक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। मौसम विभाग ने बताया कि शनिवार को पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे सटे उत्तरी अंडमान सागर के ऊपर एक निम्न दबाव वाला क्षेत्र बना है।
इसके 23 मई की सुबह तक बंगाल की खाड़ी के पूर्व-मध्य क्षेत्र में केंद्रित होने की आशंका है। फिर इसके उत्तर व उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है जो 24 मई तक चक्रवात में तब्दील हो सकता है और अगले 24 घंटों में अति गंभीर चक्रवात का रूप ले सकता है।
विभाग ने कहा कि यह उत्तर व उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ता रहेगा और आगे गंभीर रूप लेगा। 26 मई की सुबह तक यह बंगाल के पास बंगाल की उत्तरी खाड़ी और उससे सटे उत्तरी ओडिशा और बांग्लादेश के तटों तक पहुंच जाएगा। 26 मई की शाम के आसपास इसके बंगाल, उससे सटे उत्तरी ओडिशा और बांग्लादेश के तटों को पार कर जाने की काफी संभावना है। बता दें कि अप्रैल-मई और अक्टूबर-दिसंबर की अवधि में प्राय: चक्रवात आते हैं। पिछले साल मई में दो चक्रवात एम्फन और निसर्ग भारतीय तटों से टकराए थे।
क्षति को कम से कम करने पर जोर
एनसीएमसी की बैठक में कैबिनेट सचिव गौबा ने जोर दिया कि सभी कदम समय पर उठाए जाएं ताकि जान-माल के नुकसान को न्यूनतम किया जा सके। उन्होंने चक्रवात से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों से लोगों को जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने, सभी नौकाओं व जहाजों की समय पर तट पर वापसी सुनिश्चित करने पर जोर दिया ताकि क्षति को न्यूनतम किया जा सके।
आक्सीजन उत्पादन व आपूर्ति सुनिश्चित हो
गौबा ने इस पर भी जोर दिया कि कोरोना मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और कोरोना अस्पतालों व केंद्रों में कोई बाधा न आए। साथ ही कहा कि चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों से आक्सीजन के उत्पादन और देशभर में उसकी निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
एनडीआरएफ ने तैयार कीं 85 टीमें
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने बैठक में बताया कि उसने प्रभावित क्षेत्रों में तैनाती के लिए कुल 85 टीमें तैयार की हैं। उनमें से 65 को दोनों राज्यों में तैनात किया गया है जबकि 20 टीमें देश के विभिन्न शिविरों में मुस्तैद रहेंगी और जरूरत के अनुसार उनकी तैनाती की जाएगी। सेना, नौसेना और तटरक्षक बल के राहत एवं बचाव दल, जहाज और विमानों की भी तैनाती की जाएगी। बैठक में बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, अंडमान निकोबार द्वीप समूह और पुडुचेरी के मुख्य सचिवों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
बंगाल में मुख्यमंत्री खुद रखेंगी नजर
बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना जिलों में विशेष सावधानियां बरती जा रही हैं, जहां चक्रवात का सबसे ज्यादा असर पड़ने की आशंका है। मछुआरों को समुद्र में जाने से मना किया गया है। जो मछुआरे पहले ही समुद्र में जा चुके हैं, उनसे संपर्क कर सोमवार सुबह तक लौट आने को कहा जा रहा है। राज्य सचिवालय नवान्न में एक कंट्रोल रूम खोला जा रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पिछले साल की तरह इस बार भी कंट्रोल रूम में बैठकर तूफान वाले इलाकों पर नजर रखेंगी।
चेन से बांधकर रखी जाएंगी ट्रेनें
चक्रवात के मद्देनजर बंगाल में लंबी दूरी की 74 ट्रेनों को रद कर दिया गया है। इसके साथ ही तूफान के समय कार शेड और बड़े स्टेशनों पर जितनी भी ट्रेनें खड़ी रहेंगी, उन्हें पटरी के साथ चेन से बांधकर रखा जाएगा ताकि उनके पलटने से कोई बड़ी दुर्घटना न होने पाए।
यह है चक्रवात का पैमाना
- हवा की गति 62-88 किमी प्रति घंटा होने पर गंभीर चक्रवात
- हवा की गति 89-117 किमी प्रति घंटा होने पर अति गंभीर चक्रवात
- हवा की गति 118-165 किमी प्रति घंटा होने पर अत्यंत गंभीर चक्रवात
- हवा की गति 166-221 किमी प्रति घंटा होने पर भयावह चक्रवात