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Cyclone Yass: चक्रवात के बहुत गंभीर चक्रवात में तब्दील होने की आशंका : मौसम विभाग

मौसम विभाग (आइएमडी) ने शनिवार को कहा कि चक्रवात यास के बहुत गंभीर चक्रवात में बदलने और 26 मई को ओडिशा व बंगाल के तटों को पार करने की आशंका है। इसके मद्देनजर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने बंगाल के 11 जिलों में अपनी टीमें तैनात कर दी हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 22 May 2021 07:27 PM (IST)Updated: Sat, 22 May 2021 07:59 PM (IST)
Cyclone Yass: चक्रवात के बहुत गंभीर चक्रवात में तब्दील होने की आशंका : मौसम विभाग
चक्रवात यास के बहुत गंभीर चक्रवात में बदलने की आशंका है।

नई दिल्ली, एजेंसियां। मौसम विभाग (आइएमडी) ने शनिवार को कहा कि चक्रवात यास के बहुत गंभीर चक्रवात में बदलने और 26 मई को ओडिशा व बंगाल के तटों को पार करने की आशंका है। इसके मद्देनजर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने बंगाल के 11 जिलों में अपनी टीमें तैनात कर दी हैं और मछुआरों को रविवार से समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है।

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मौसम विभाग ने बताया कि शनिवार को पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे सटे उत्तरी अंडमान सागर के ऊपर एक निम्न दबाव वाला क्षेत्र बना है। इसके 23 मई की सुबह तक बंगाल की खाड़ी के पूर्व-मध्य क्षेत्र पर विक्षोभ में केंद्रित होने की आशंका है। फिर इसके उत्तर व उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है जो 24 मई तक चक्रवात में तब्दील हो सकता है और अगले 24 घंटों में बहुत गंभीर चक्रवात का रूप ले सकता है। 

बंगाल के 11 जिलों में एनडीआरएफ की टीमें तैनात

विभाग ने कहा कि यह उत्तर व उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ता रहेगा और आगे गंभीर रूप लेगा। 26 मई की सुबह तक यह बंगाल के पास बंगाल की उत्तरी खाड़ी और उससे सटे उत्तरी ओडिशा और बांग्लादेश के तटों तक पहुंच जाएगा। 26 मई की शाम के आसपास इसके बंगाल, उससे सटे उत्तरी ओडिशा और बांग्लादेश के तटों को पार कर जाने की काफी संभावना है।

अनुमान लगाया जा रहा है कि इसके चलते ओडिशा और बंगाल में तूफान आने के अलावा अंडमान निकोबार में भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है। केंद्र सरकार ने बंगाल और ओडिशा में स्वास्थ्य क्षेत्र की कमान प्रक्रिया को सक्रिय करने और इमर्जेंसी आपरेशन सेंटर या कंट्रोल रूम स्थापित करने का भी सुझाव दिया है।

याद दिला दें कि पिछले हफ्ते अत्यंत भीषण चक्रवात टाक्टे गुजरात तट से टकराया था जो पूरे पश्चिमी तट पर तबाही के निशान छोड़ गया। दरअसल, अप्रैल-मई और अक्टूबर-दिसंबर की अवधि में प्राय: चक्रवात आते हैं। पिछले साल मई में दो चक्रवात अम्फान और निसर्ग भारतीय तटों से टकराए थे।


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