पीएनबी के सर्वर में सेंध, 'उजागर' हुई ग्राहकों की जानकारी, बैंक ने गड़बड़ी मानी लेकिन जानकारी लीक होने से किया इन्कार
साइबर सिक्योरिटी कंपनी साइबरएक्स-9 का दावा है कि पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank PNB) के सर्वर में कथित तौर पर सेंध से करीब 18 करोड़ ग्राहकों की व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी लगभग सात महीनों तक उजागर होती रही।
नई दिल्ली, पीटीआइ। पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank, PNB) के सर्वर में कथित तौर पर सेंध से करीब 18 करोड़ ग्राहकों की व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी लगभग सात महीनों तक 'उजागर' होती रही। यह दावा साइबर सिक्योरिटी कंपनी साइबरएक्स-9 ने किया है। कंपनी ने दावा किया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में सुरक्षा खामी से यह साइबर हमला (Cyber attack on PNB server) प्रशासनिक नियंत्रण के साथ उसकी संपूर्ण डिजिटल बैंकिंग प्रणाली तक हुआ है।
पीएनबी ने तकनीकी गड़बड़ी मानी
इस बीच बैंक (Punjab National Bank, PNB) ने तकनीकी गड़बड़ी की पुष्टि तो की है लेकिन सर्वर में सेंध से ग्राहकों की महत्वपूर्ण जानकारी सार्वजनिक होने की बात से इन्कार किया है। बैंक (Punjab National Bank, PNB) ने कहा, 'इसके चलते ग्राहकों के डाटा/एप्लिकेशंस पर कोई असर नहीं पड़ा और सर्वर को एहतियात के तौर पर बंद कर दिया गया है।'
18 करोड़ से अधिक ग्राहकों की जानकारी लीक
वहीं साइबरएक्स-9 के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक हिमांशु पाठक (CyberX9 founder Himanshu Pathak) ने आरोप लगाया कि, 'पंजाब नेशनल बैंक पिछले सात महीनों से अपने 18 करोड़ से अधिक ग्राहकों की व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी की सुरक्षा से समझौता करता रहा।'
...तब जागा बैंक
हिमांशु पाठक (CyberX9 MD Himanshu Pathak) ने कहा, पीएनबी तब जागा और उसने इस गड़बड़ी को तब ठीक किया जब कंपनी ने इसका पता लगाया और साइबर सुरक्षा पर नजर रखने वाली संस्थाएं सीईआरटी-इन और नेशनल क्रिटिकल इन्फारमेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर (एनसीआइआइपीसी) के माध्यम से बैंक को सूचित किया।'
बैंक बोला- जानकारी नहीं हुई लीक
हिमांशु पाठक (CyberX9 MD Himanshu Pathak) ने कहा कि हमारी रिसर्च टीम ने पीएनबी में एक बहुत ही महत्वपूर्ण सुरक्षा चूक का पता लगाया, जिसके चलते आंतरिक सर्वर तक प्रभावित हो रहा था। वही बैंक (Punjab National Bank, PNB) का कहना है कि जिस सर्वर में सेंध की बात सामने आई है, उसमें कोई संवेदनशील या महत्वपूर्ण जानकारी नहीं थी।