सीवीसी को 79 भ्रष्ट कर्मियों के खिलाफ अभियोजन के लिए मंजूरी का इंतजार
सीवीसी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक विभिन्न सरकारी विभागों की ओर से कुल 41 मामलों में मंजूरियां लंबित हैं जिनमें उक्त अधिकारी शामिल हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को आइएएस अधिकारी समेत 79 भ्रष्ट केंद्रीय कर्मियों के खिलाफ अभियोजन के लिए मंजूरी का इंतजार है। विभिन्न विभागों में यह मंजूरियां पिछले चार महीने से भी ज्यादा समय से लंबित हैं।
सीवीसी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, विभिन्न सरकारी विभागों की ओर से कुल 41 मामलों में मंजूरियां लंबित हैं जिनमें उक्त अधिकारी शामिल हैं। इनमें से सबसे ज्यादा नौ मामले कार्मिक विभाग के समक्ष लंबित हैं। यह विभाग भ्रष्टाचार निरोधी मामलों में नोडल विभाग के तौर पर कार्य करता है।
आठ मामले उत्तर प्रदेश सरकार के समक्ष लंबित हैं। इसके अलावा चार मामले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, कैनरा बैंक, कॉरपोरेशन बैंक और आइडीबीआइ बैंक के समक्ष लंबित हैं जिनमें इन बैंकों के 13 कर्मचारी संलिप्त हैं।
भ्रष्टाचार के तीन ऐसे मामले केंद्र शासित प्रदेशों में लंबित हैं। जबकि दो-दो मामले रक्षा मंत्रालय, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय और गरीबी उन्मूलन मंत्रालय में लंबित हैं।
मानकों के मुताबिक, अभियोजन की मंजूरी पर फैसला चार महीने के भीतर हो जाना चाहिए। एक वरिष्ठ सीवीसी अधिकारी ने बताया, 'हमने सरकारी विभागों और बैंकों को इस बाबत स्मरण कराया है कि वे हमारे अनुरोध पर शीघ्रता से कार्रवाई करें।'