शिलॉन्ग हिंसाः दो दिन बाद कर्फ्यू में ढील, इंटरनेट पर बैन जारी
शिलॉन्ग में हुई हिंसा के दो दिन बाद कर्फ्यू में थोड़ी ढील दी गई है। हालांकि इंटरनेट सेवाओं पर बैन जारी है।
नई दिल्ली [एजेंसी]। शिलॉन्ग में हिंसा के दो दिन से जारी कर्फ्यू में रविवार को ढील दी गई। हालांकि, इंटरनेट पर अब भी रोक जारी है। बता दें कि गुरुवार रात को दो गुटों में झड़प हो गई थी। मामला नस्लीय झगड़े में बदल गया और हिंसक रूप ले लिया। इसके बाद प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए कर्फ्यू लगा दिया।
रविवार को प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि लुमडिंगजरी पुलिस थाने और कैंटोनमेंट बीट हाउस क्षेत्रों में रविवार को सुबह आठ बजे से दोपहर तीन बजे तक कर्फ्यू में ढील दी जाएगी ताकि इस दौरान लोग अपनी जरूरत का सामान ला सकें। हालांकि, मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक जारी रहेगी। प्रशासन ने जिले में सभी पेट्रोल पंपों से खुले जेरीकन, बोतलों और अन्य कंटेनरों में पेट्रोल और डीजल लेने पर रोक लगा दी है। इससे पहले शनिवार को शिलॉन्ग के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू जारी रहा। इस क्षेत्रों में सेना फ्लैग मार्च निकाला।
ये है मामला
गुरुवार रात को शिलॉन्ग में पंजाबी लाइन इलाके के कुछ लोगों की बस कंडक्टर के साथ झड़प हो गई। इसके बाद बस चालकों ने झगड़ने वालों का विरोध किया तो मामला और बिगड़ गया। मामला बिगड़ता देख पुलिस ने भीड़ हटाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। बता दें कि झगड़े को नस्लीय लड़ाई भी बताया जा रहा है।
दरअसल, पंजाबी लाइन इलाके में ज्यादातर सिख समुदाय के लोग रहते हैं। झगड़े के बाद स्थानीय लोगों में सिख समुदाय के प्रति गुस्स है। शुक्रवार रात को फिर से झगड़ा हुआ। इस दौरान भीड़ ने एक दुकान और एक मकान में आग लगा दी। इस दौरान पांच वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया। बताया जाता है कि हिंसा में एक दर्जन के करीब पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।
सियासी सरगर्मी बढ़ने लगी है
वहीं, इस पूरे मामले को लेकर सियासी सरगर्मी भी शुरू हो गई है। शनिवार को अकाली दल के नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने मेघायल के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा से बात की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से सिख समुदाय की सुरक्षा की मांग की है।