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भारत में कोरोना पॉजिटिविटी रेट में आ रही लगातार गिरावट, रोजाना की दर 4 फीसद से कम हुई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) ने मंगलवार को कोरोना की रणनीति को लेकर आठ सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में निर्देश दिया था कि सभी राज्यों को कोरोना की पॉजिटिविटी दर को 5% से नीचे लाने का प्रयास करना चाहिए।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 02:39 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 02:49 PM (IST)
भारत में कोरोना पॉजिटिविटी रेट में आ रही लगातार गिरावट, रोजाना की दर 4 फीसद से कम हुई
देश में कोरोना के पॉजिटिविटी रेट में लगातार गिरावट। (फोटो: एपी)

नई दिल्ली, प्रेट्र। पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में पॉजिटिविटी रेट को 5% से नीचे लाने के लिए कहा था। इसको लेकर राज्यों से रणनीति बनाने को कहा गया। इस बीच देश की बात करें तो भारत में कोरोना के पॉजिटिविट रेट में लगातार कमी आ रही है। यहां दैनिक पॉजिटिविटी दर 4% से कम हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश में कोरोना का पता लगाने के लिए अब तक करीब 13.5 करोड़ सैंपलों की जांच की गई है। उनके मुताबिक, निरंतर आधार पर व्यापक परीक्षण से पॉजिटिविटी रेट में कमी आई है।

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मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि पॉजिटिविटी रेट में आ रही लगातार गिरावट यह दिखा रही है कि संक्रमण के प्रसार की दर प्रभावी रूप से देश में कम हो रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से आगे कहा गया कि टोटल पॉजिटिविटी रेट लगातार गिर रही है और आज यह 6.84 प्रतिशत तक पहुंच गई है। देश में दैनिक पॉजिटिविटी रेट 3.83 प्रतिशत है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि निरंतर आधार पर व्यापक और व्यापक टेस्टिंग से पॉजिटिविटी रेट में कमी आई है। भारत में प्रति दिन प्रति 10 लाख पर टेस्टिंग का आंकड़ा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित मानक से पांच गुना अधिक है।

बता दें कि पीएम मोदी ने मंगलवार को मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में राज्यों से कोरोना की पॉजिटिविटी दर को 5 फीसद से नीचे रखने को कहा था। पीएम मोदी ने साथ ही कहा था कि कोरोना के लिए किए जाने वाले RT-PCR टेस्ट की संख्या भी बढ़ाई जानी चाहिए। देश में फिलहाल कोविड-19 के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट और आरटी-पीसीआर किए जा रहे है, जिसमें एंटीजन टेस्ट की संख्या ज्यादा है। हालांकि अब धीरे-धीरे देश में आरटी-पीसीआर टेस्ट की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। 


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