CRPF के जवानों को नकली फेसबुक प्रोफाइल से बचने के लिए बनाई गई योजना, पढ़े पूरी खबर
सीरपीएफ के जवानों के नकली फेसबुक प्रोफाइल से बचने के लिए शिक्षत किया जाएगा। इसके लिए सीआरपीएफ ने योजना बना ली है। इससे सचेत रहने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने अपने जवानों के नकली फेसबुक प्रोफाइल के लिए एक लेटर जारी किया गया है
नई दिल्ली, एएनआइ। अक्सर आपने देखा होगा कि केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (Central Reserve Police Force) के जवानों से फेसबुक पर नकली प्रोफाइल बना कर गोपनीय सूचनाएं प्राप्त की जाती है। अब इससे निपटने के लिए सीआरपीएफ की तरफ से योजना बनाई गई है। सभी जवानों को दुश्मन देशों द्वारा फंसाने के खिलाफ जवानों को शिक्षित करने के लिए सामग्री तैयार करना शुरू कर दिया गया है, हालांकि यह योजना थोड़ा देर से शुरू हो रही है। इससे सचेत रहने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने अपने जवानों के नकली फेसबुक प्रोफाइल के लिए एक लेटर जारी किया है। सीआरपीएफ के अधिकारियों ने इसकी सूचना दी है।
अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यह देखा गया है कि असामाजिक तत्व और दुर्भावनापूर्ण इरादे वाले लोग जवानों का नकली फेसबुक बना कर इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने बताया कि इस फर्जीवाड़ा का इस्तेमाल सुरक्षा बलों को निशाना बनाने और गोपनीय जानकारी निकालने के लिए भी किया जा रहा है। सीआरपीएफ ने हाल ही में जम्मू और कश्मीर जैसे संवेदनशील स्थानों और लाल क्षेत्रों में तैनात जवानों को जारी पत्र में यह जानकारी दी।
जवानों को शिक्षित करने के लिए जारी हुआ एक वीडियो
इसके अलावा, सीआरपीएफ की सोशल मीडिया टीम ने भी सोशल मीडिया पर बनाए जा रहे नकली प्रोफाइल के लिए भी मैनुअल जारी किया है और जवानों को शिक्षित करने के लिए एक वीडियो तैयार किया है। इस वीडियो में बताया ज रहा है कि कैसे सुरक्षा बल के जवानों को निशाना बनाने के लिए नकली फेसबुक प्रोफाइल का इस्तेमाल किया जाता है, और इसे कैसे रोका जा सकता है। सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में जवानों ने शिकायतें करते हुए बताया कि उनके दोस्तों और परिवार के सदस्यों को नकली फेसबुक प्रोफाइल से रिक्वेस्ट मिल रही है। यहां तक कि जवानों के परिवार और दोस्तों से भी पैसे की मांग भी की गई है। वहीं एक अन्य शिकायत में सामने आया है कि एक संवेदनशील स्थान पर तैनात एक जवान के दोस्तों को उसके स्थान विवरण भेजने को कहा गया था क्योंकि वह नेटवर्क में नहीं था।