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अपराधियों के हाथ लगी आतंकी विस्फोट की तकनीक

शहर के भूतनाथ रोड स्थित एमआइजी फ्लैट में सोमवार रात हुए बम धमाके में आतंकी तकनीक का इस्तेमाल किया गया था। हालांकि पुलिस इसमें स्थानीय अपराधियों की भूमिका तलाश रही है,

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2015 01:28 AM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2015 01:41 AM (IST)
अपराधियों के हाथ लगी आतंकी विस्फोट की तकनीक

पटना । शहर के भूतनाथ रोड स्थित एमआइजी फ्लैट में सोमवार रात हुए बम धमाके में आतंकी तकनीक का इस्तेमाल किया गया था। हालांकि पुलिस इसमें स्थानीय अपराधियों की भूमिका तलाश रही है, लेकिन धमाके में इस्तेमाल विस्फोटक, डेटोनेटर और टाइमर न केवल बिहार पुलिस के लिए, बल्कि एनआइए और आइबी के लिए भी कई सवाल खडे़ कर रहे हैं। गौरतलब है कि सोमवार देर रात टाइम बम से हुए धमाके के बाद दो बम भी बरामद किए गए हैं। मंगलवार को एनआइए व आइबी टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया।

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सूत्रों के अनुसार, धमाके में इस्तेमाल विस्फोटक 2013 में पटना के गांधी मैदान व बोधगया सीरियल ब्लास्ट में इस्तेमाल किए गए विस्फोटकों जैसे हैं। सवाल यह है कि क्या अमोनियम नाइट्रेट व टाइमर का इस्तेमाल कर विस्फोट करने का गुर स्थानीय अपराधियों ने भी हासिल कर लिया है? राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया कि इस विस्फोट में अपराधियों ने अमोनियम नाइट्रेट व टाइमर के रूप में लोटस कंपनी की घडि़यों का ही इस्तेमाल किया है। मामले में अगमकुआं थाने में तीन नामजद अपराधियों हेमंत कुमार, कुंदन कुमार और अशोक कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। तीनों नालंदा जिले के रहने वाले हैं। पुलिस ने मौके से अमोनियम नाइट्रेट, डेटोनेटर के साथ स्टील के दो केन बम और मछली मारने वाली जाल में प्रयुक्त होने वाली लोहे की कीलें बरामद की हैं। मौके से एक पल्सर बाइक व अन्य सामान भी मिले हैं।

गौरतलब है कि 2013 में पहले बोधगया फिर 27 अक्टूबर को पटना में नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली के दौरान हुए सीरियल ब्लास्ट में आतंकी संगठन 'सिमी' ने भी अमोनियम नाइट्रेट, डेटोनेटर और लोटस कंपनी के टाइमर का इस्तेमाल किया था। घटना के बाद डीजीपी पीके ठाकुर ने एनआइए के विशेष निदेशक से टेलीफोन पर संपर्क कर टीम भेजने का अनुरोध किया, जिसके बाद मंगलवार दोपहर एनआइए की टीम डीएसपी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में पटना पहुंची। इसके अलावा दिल्ली से आए आइबी के अधिकारियों ने भी मुआयना किया है। नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

पढ़ाई करने आया था कुंदन

एमआइजी फ्लैट में धमाके वाले कमरे में रहने वाला युवक कुंदन तीन साल पूर्व पढ़ाई करने आया था। वह सिपाही भर्ती के दौरान दूसरे परीक्षार्थी की जगह परीक्षा देते 18 अक्टूबर 2014 को गिरफ्तार किया गया और जेल भेजा गया था। आसपास के लोगों ने बताया कि उसके फ्लैट पर रोज चार-पांच लोगों की भीड़ रहती और सभी शराब पीते थे।

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