संसद परिसर में गूंजेगी अब नौनिहालों की किलकारी भी
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की पहल पर सोमवार को संसद परिसर में इस अत्याधुनिक क्रेच की शुरुआत की गई।
जागरण ब्यूरो, नईदिल्ली। संसद यूं तो राजनीतिक नारों और माननीयों के भाषणों से ही गूंजता है। लेकिन अब परिसर में नौनिहालों की किलकारी भी गूंजेगी। सांसदों सहित संसद में काम करने वाली महिला अधिकारियों और कर्मचारियों के छोटे बच्चों को रखने के लिए संसद परिसर में एक अत्याधुनिक क्रेच (झूलाघर) खोला गया है। जहां काम-काज के दौरान बच्चों को सुरक्षित तरीके से रखा जा सकेगा। इनमें काम करने के लिए प्रशिक्षित महिलाओं को तैनात किया गया है।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की पहल पर सोमवार को संसद परिसर में इस अत्याधुनिक क्रेच की शुरुआत की गई। क्रेच में बच्चों के सोने, खेलने और पढ़ने जैसी सभी व्यवस्थाएं जुटाई गई है। संसद भवन परिसर में क्रेच खोलने की यह मांग काफी पहले से ही यहां काम करने वाली महिलाओं की ओर से की जा रही है। जिसे अब साकार किया गया है। संसद में क्रेच का निर्माण संसद भवन के नए भवन में किया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक मौजूदा समय में करीब 450 महिला अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत है। इसके अलावा महिला सासंद भी है। इस क्रेच में सांसदों के साथ संसद में काम करने वाले महिला और पुरुष दोनों ही कर्मचारियों को अपने बच्चों को रखने की सुविधा होगी। हालांकि क्रेच में मौजूदा समय में 16 बच्चों को ही रखे जाने की सुविधा को देखते हुए इनमें महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सोमवार को क्रेच को देखने पहुंची और उनमें जुटाई गई सुविधाओं को देखकर खुशी जाहिर की।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में कामकाजी महिलाओं के लिए अब तक क्रेच की व्यवस्था थी, लेकिन संसद ही इससे अछूता था। ऐसे में यहां काम करने वाली महिला अधिकारियों और कर्मचारियों को बच्चों की देखभाल में दिक्कत होती है। इससे चलते उनका काम-काज भी प्रभावित होता था।