दुनिया में सबसे सुरक्षित साबित हो रहे भारतीय टीके, चार दिनों में 6.31 लाख लोगों को लगाया गया वैक्सीन
नीति आयोग के सदस्य और वैक्सीन पर गठित टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष डॉ. वीके पॉल के अनुसार मॉडर्ना और फाइजर की वैक्सीन लगाने के बाद भारत की तुलना में कई गुना ज्यादा दुष्प्रभाव के मामले सामने आए थे।
नई दिल्ली [नीलू रंजन]। भारत में बनी दोनों वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन दुनिया में सबसे सुरक्षित साबित हो रही है। देश में पिछले चार दिनों में 6.31 लाख स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया गया, जिनमें 0.001 फीसद से कम लोगों को वैक्सीन लगाने के बाद अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आई, जबकि फाइजर और मोडेरना के वैक्सीन के मामले में 0.6 फीसद लोगों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था। इसके साथ ही भारत में टीकाकरण का अभियान भी दुनिया के अन्य देशों की तुलना में काफी तेज गति चल रहा है।
0.001 फीसद मामलों में अस्पताल में भर्ती कराने की पड़ी जरूरत
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को कहा कि भारत में अभी तक टीका लगाने के बाद साइड इफेक्ट (एडवर्स इवेंट फालोइंग इम्युनाइजेशन-एईएफआइ) के कुल 0.18 फीसद मामले सामने आए हैं। इनमें सोमवार तक 0.002 फीसद ही गंभीर प्रतिकूल प्रभाव वाले मामले थे। जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। लेकिन मंगलवार को टीका लगाए जाने के बाद किसी में भी गंभीर दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिला। इस तरह कुल मामलों की तुलना में गंभीर दुष्प्रभाव वाले मामले घटकर लगभग 0.001 फीसद हो गए। उन्होंने कहा कि प्रतिकूल प्रभाव वाले जो 0.18 फीसद मामले मिले हैं, उनमें टीका लगाने के स्थान पर दर्द, सूजन, चिड़चिड़ापन जैसे सामान्य लक्षण ही नजर आए हैं, जो ज्यादातर टीके लगाने पर नजर आते हैं।
नीति आयोग के सदस्य और वैक्सीन पर गठित टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष डॉ. वीके पॉल के अनुसार मॉडर्ना और फाइजर की वैक्सीन लगाने के बाद भारत की तुलना में कई गुना ज्यादा दुष्प्रभाव के मामले मिले थे। इससे साफ होता है कि भारत में बने टीके दुनिया के अन्य टीकों की तुलना में कहीं ज्यादा सुरक्षित हैं।
स्वास्थ्यकर्मियों से आगे आने की अपील
डॉ. पाल ने टीकों के सुरक्षित होने के बावजूद टीके लगवाने में स्वास्थ्यकर्मियों की हिचक को दुखद बताया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों की हिचक और डर को दूर करने की कोशिश की जाएगी। वैक्सीन लेने के लिए आगे आने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के चेन को तोड़ने का यही सबसे सही समय है और यह वैक्सीन लेने से ही संभव होगा।
भारत में टीकाकरण अभियान गति सबसे तेज
भारत में टीकाकरण अभियान के तेज गति का हवाला देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि टीकाकरण के पहले दिन फ्रांस में 73, ब्रिटेन में 19,700, अमेरिका में 79,458 लोगों को वैक्सीन लगाई गई थी। वहीं भारत में पहले ही दिन दो लाख सात हजार 229 लोगों को वैक्सीन दी गई। भारत में पिछले चार दिन में छह लाख 31 हजार, 417 लोगों को टीका लगाया जा चुका है। जबकि अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस में शुरूआती सात दिनों में भी इतने टीके नहीं लगे थे। उन्होंने कहा कि पहले हफ्ते में अमेरिका में पांच लाख 56 हजार 208, ब्रिटेन में एक लाख 37 हजार 897, फ्रांस में 516, रूस में 56 हजार लोगों को ही टीका लगाया जा सका था। इससे भारत में टीकाकरण अभियान की तेजी का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।