COVID-19: लॉकडाउन के बीच रमजान का पहला दिन, हैदराबाद में लोगों ने घरों में पढ़ी नमाज
कोरोना वायरस के कारण लगे राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच लोगों ने अपने घरों में रहकर ही रमजान मनाया।
हैदराबाद (तेलंगाना) एएनआइ। कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए देश में लॉकडाउन घोषित किया गया है। इस राष्ट्रव्यापी बंद के बीच हैदराबाद में लोगों ने अपने-अपने घरों में रहकर ही रमजान के पहले दिन को मनाया।
सैयद मोइज ने एएनआइ को बताया कि रमजान का पवित्र महीना शुरू हो गया है और लोग इस पवित्र महीने के अंतिम दिन तक उपवास करेंगे। सभी धार्मिक विद्वान और सरकारी अधिकारी लोगों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे कोरोना वायरस के प्रसार को ध्यान में रखते हुए घर पर ही रमजान मनाएं। आज, हमने उपवास रखा है और ऐसा पहली बार हो रहा है कि हमने इस रमज़ान के पहले दिन को अपने घर पर मनाया है।
मोइज ने आगे कहा कि हमने अपने परिवार के साथ घर पर नमाज और तराबी की नमाज अदा की। हम थोड़े निराश हैं कि हम मस्जिद में नमाज अदा नहीं कर सके, लेकिन एक तरफ, हम खुश भी हैं कि हम परिवार के सदस्यों के साथ नमाज अदा कर रहे हैं। सरकार का यह कदम लोगों के हित के लिए है। इसलिए लोगों को अपने घरों में ही रहकर रमजान मनाना चाहिए, जब तक की लॉकडाउन खत्म न हो जाए।
हैदराबाद के एक अन्य निवासी, सैयद मिन्हाज ने बताया कि उपवास के बाद, हमने परिवार के सदस्यों के साथ अपने घर में ही रहकर प्रार्थना की है। यह समस्या एक समुदाय से संबंधित नहीं है क्योंकि आज पूरी दुनिया इस महामारी से पीड़ित है। हम सभी को एकजुट होकर लड़ाई लड़नी चाहिए।
बता दें कि रमजानन का पवित्र महीना शुरू हो गया है, चारमीनार और मक्का मस्जिद की सड़के वीरान हो गई हैं। कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच लोग अपने घरों के अंदर ही रहना पसंद कर रहे हैं और सार्वजनिक सभा से परहेज किया जा रहा है।
चारमीनार में एक जनरल स्टोर के मालिक मोहम्मद मिस्बाहुद्दीन ने कहा कि मैने कभी भी रमजान के महीनों के दौरान सड़कों को खाली और दुकानों को बंद नहीं देखा है। हर साल, दुकानें पूरी रात खुली रहती थी और सड़कों पर भीड़ होती थी।
वहीं, मक्का मस्जिद क्षेत्र के निवासी मोहम्मद आरिफ ने कहा कि लॉकडाउन से आवारा जानवरों और दिहाड़ी मजदूरों पर असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि भले ही रमजान शुरू हो गया है, लेकिन हम भोजन की कमी जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं क्योंकि हमारे पास कोई काम नहीं है।