Covid Vaccine: जानिए किस प्रकार से रोकी जा सकती है कोरोना वैक्सीन की बर्बादी
Corona Vaccine News किसी भी बड़े टीकाकरण अभियान में वैक्सीन की बर्बादी अपेक्षित होती है। हालांकि जब वैक्सीन की बर्बादी ज्यादा होने लगती है तब मांग प्रभावित होती है और देश पर गैरजरूरी खरीद का दबाव बढ़ता है।
नई दिल्ली जेएनएन। पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वैक्सीन की बर्बादी पर चिंता जताते हुए इस पर रोक लगाने का आह्वान किया था। हालांकि, किसी भी बड़े टीकाकरण अभियान में वैक्सीन की बर्बादी आम समस्या है। इसे ध्यान में रखते हुए ही वैक्सीन की खरीद की जाती है। लेकिन, किसी भी अभियान में वैक्सीन की बर्बादी सीमित मात्र में ही होनी चाहिए। आइए, जानते हैं कि वैक्सीन की बर्बादी की गणना कैसे होती है, ऐसा क्यों होता है और किस प्रकार बर्बादी को रोका जा सकता है..
बर्बादी का मतलब
किसी भी बड़े टीकाकरण अभियान में वैक्सीन की बर्बादी अपेक्षित होती है। हालांकि, जब वैक्सीन की बर्बादी ज्यादा होती है तब मांग प्रभावित होती है और देश पर गैरजरूरी खरीद का दबाव बढ़ता है।
कैसे हो जाती है खराब
- संदिग्ध मिलावट
- शीशी में पानी घुसना
- शीत श्रृंखला टूट जाना
- समाप्ति तिथि पार होने पर
- ताप के संपर्क में आने की स्थिति में
- शीशी खुलने के बाद समय सीमा में खुराक का उपयोग नहीं होने पर
- शीशी में उपलब्ध खुराक का शतप्रतिशत उपयोग न होना
विभिन्न चरण, जिनमें खराब हो जाते हैं टीके
- आपूर्ति श्रृंखला की करीब से निगरानी होनी चाहिए
- वैक्सीन की खुराक पंजीकृत लाभार्थियों के बराबर होनी चाहिए
- कोल्ड चेन प्वाइंट्स, जिला वैक्सीन भंडारण केंद्र, वैक्सीन सेशन साइट
- पहले बन चुकी खुराक की खपत प्राथमिकता के आधार पर करनी चाहिए
ऐसे लगाई जा सकती है रोक
- टीकाकरण सत्रों का नियोजन सटीक होना चाहिए
- हर वैक्सीन सत्र में अधिकतम 100 लाभार्थी बुलाए जाने चाहिए
- सरकार ने सलाह दी है कि जब तक 10 लाभार्थी टीकाकरण केंद्र पर मौजूद न हों तब तक शीशी न खोलें
- प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी : कुछ जगहों से शिकायत आ रही है कि टीकाकरण करने वाले स्वास्थ्य कर्मी एक शीशी से 10 के बजाय नौ खुराक ही निकाल पा रहे हैं