फाइजर टीका को जल्द से जल्द भारत मंगाने के लिए कर रहे मिलकर प्रयास : डॉ. वीके पाल
नीति आयोग के सदस्य वीके पाल ने कहा है कि फाइजर की ओर से टीके की उपलब्धता के संकेत मिलने के साथ ही सरकार और कंपनी इसके जल्द से जल्द आयात के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। पाल ने कहा कि वैश्विक स्तर पर टीके की आपूर्ति सीमित है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। नीति आयोग के सदस्य वीके पाल ने कहा है कि फाइजर की ओर से टीके की उपलब्धता के संकेत मिलने के साथ ही सरकार और कंपनी इसके जल्द से जल्द आयात के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। पाल ने गुरुवार को भारत की टीकाकरण प्रक्रिया पर 'मिथक और तथ्य' पर एक बयान में कहा कि वैश्विक स्तर पर टीके की आपूर्ति सीमित है। कंपनियों की अपनी प्राथमिकताएं, योजनाएं और बाध्यताएं हैं। उसी के हिसाब से वे टीके का आवंटन करती हैं।
फाइजर ने जुलाई से अक्टूबर तक पांच करोड़ डोज देने का दिया संकेत
पाल देश में कोरोना कार्यबल के प्रमुख भी हैं। उन्होंने कहा जैसे ही फाइजर से टीके की उपलब्धता का संकेत मिला, केंद्र सरकार और कंपनी ने इसके आयात के लिए मिलकर काम करना शुरू कर दिया।कोरोना टीके के राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह प्रशासन (एनईजीवीएसी) के प्रमुख पाल ने कहा कि केंद्र सरकार के प्रयासों की वजह से स्पुतनिक के टीके के परीक्षण में तेजी आई और समय पर मंजूरी से रूस टीके की दो खेप और उसके साथ भारतीय कंपनियों को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण कर चुका है। भारतीय कंपनियां जल्द टीका बनाना शुरू करेंगी।
नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि केंद्र 2020 के मध्य से लगातार दुनिया की प्रमुख वैक्सीन कंपनियों मसलन फाइजर, जे एंड जे और माडर्ना से बातचीत कर रहा है। टीके की आपूर्ति और भारत में उनके निर्माण को सरकार ने इन कंपनियों को पूरी सहायता की पेशकश की है।
नए वैरिएंट को लेकर फाइजर प्रभावी
हालांकि, इसके साथ ही पाल ने कहा कि ऐसा नहीं है कि उनका टीका आसानी से आपूर्ति के लिए उपलब्ध है। हमें यह समझने की जरूरत है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टीका खरीदना किसी दुकान पर जाकर सामान खरीदने जैसा नहीं है। सूत्रों के मुताबिक फाइजर ने भारतीय अधिकारियों को बताया है कि उसका टीका भारत में मौजूद सार्स-सीओवी-2 वायरस की किस्म पर प्रभावी है। यह टीका 12 साल और उससे अधिक की उम्र के सभी लोगों को लगाया जा सकता है। इसे 2 से 8 डिग्री पर एक महीने के लिए स्टोर किया जा सकता है।
फाइजर ने जुलाई से अक्टूबर के दौरान टीके की पांच करोड़ खुराक देने की पेशकश की है। हालांकि, उसने कुछ रियायतें भी मांगी हैं। उसकी भारत सरकार के अधिकारियों के साथ कई बार बातचीत हो चुकी है। एक बैठक इसी सप्ताह हुई है। पाल ने विपक्ष के कुछ नेताओं के इन आरोपों का खंडन किया कि सरकार वैक्सीन का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए समुचित प्रयास नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा कि अभी सिर्फ एक भारतीय कंपनी भारत बायोटेक के पास आईपी है। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि तीन अन्य कंपनियां / संयंत्र भी कोवैक्सिन का उत्पादन शुरू करें। साथ ही भारत बायोटेक के संयंत्रों की क्षमता भी बढ़ाई गई है। पाल ने बताया कि भारत बायोटेक का कोवैक्सिन का उत्पादन अक्टूबर तक बढ़कर 10 करोड़ प्रति माह हो जाएगा, जो अभी एक करोड़ प्रति माह से कम है।