Covid Vaccination: टीकाकरण का पूरा भार उठाने पर विचार करे केंद्र सरकार : राजीव कुमार
राजीव कुमार ने बताया कि अभी 10 राज्यों में कोरोना संक्रमण के 65 फीसद मामले हैं तो उन 10 राज्यों के लिए शुरू में वैक्सीन का अधिक कोटा निर्धारित होना चाहिए। वैसे ही देश के जिन 150 जिलों में ज्यादा संक्रमण है उन्हें अधिक वैक्सीन दिए जाने की जरूरत है।
नई दिल्ली, राजीव कुमार। एक मई से शुरू हो रहे 18प्लस टीकाकरण अभियान के आगाज से पहले ही कई तरह की अटकलें लगने लगी हैं। राज्यों की ओर से वैक्सीन की खरीदारी, उसकी कीमत व उपलब्धता जैसे कई मुद्दों पर सवाल उठाए जा रहे हैं। विपक्षी दलों की सरकारों की ओर से अब तक यह दबाव बनाने की भी कोशिश हो रही है कि पूरी खर्च केंद्र सरकार वहन करे। इन सबके बीच नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार का कहना है कि टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए केंद्र सरकार चाहे तो वैक्सीन का पूरा खर्च उठा सकती है।
टीकाकरण से चालू वित्त वर्ष में 10.5 फीसद विकास दर पाने की अब भी उम्मीद
उनका कहना है कि चालू वित्त वर्ष में 10.5 फीसद विकास दर अब भी संभव है। ऐसे में वैक्सीन का वित्तीय बोझ एक तरह से निवेश साबित होगा। कुमार ने बताया कि टीकाकरण अभियान को सफल बनाने का एक तरीका यह भी हो सकता है कि सभी राज्य अपनी तरफ से केंद्रीकृत निर्धारित कीमत पर वैक्सीन खरीदने के लिए केंद्र को अधिकृत कर दें। फिर उस वैक्सीन का वितरण राज्यों में फैले संक्रमण के आधार पर हो।
अधिक संक्रमित राज्यों को मिले ज्यादा वैक्सीन
उन्होंने बताया कि उदाहरण के लिए अभी 10 राज्यों में कोरोना संक्रमण के 65 फीसद मामले हैं तो उन 10 राज्यों के लिए शुरू में वैक्सीन का अधिक कोटा निर्धारित होना चाहिए। वैसे ही, देश के जिन 150 जिलों में ज्यादा संक्रमण है, उन्हें अधिक वैक्सीन दिए जाने की जरूरत है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने बताया कि एक मई से शुरू होने वाले 18प्लस टीकाकरण कार्यक्रम को सफल बनाकर हम अब भी वित्त वर्ष 2021-22 में 10.5 फीसद विकास दर को हासिल कर सकते हैं। लेकिन कम से कम समय में अधिक से अधिक लोगों के टीकाकरण के लिए सभी राज्यों को चाहे वहां किसी भी पार्टी की सरकार हो, केंद्र के साथ पूरी तन्मयता और समन्वित तरीके से टीकाकरण कार्यक्रम पर अमल करना होगा।
इसका फायदा यह होगा कि संक्रमण की अवधि छोटी हो जाएगी। इससे अर्थव्यवस्था को जल्दी पटरी पर लाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि अगर इस प्रकार से काम करने में सफलता मिल जाती है तो चालू वित्त वर्ष 2021-2 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में रिकवरी पहले के मुकाबले ज्यादा बेहतर होगी। इसका मतलब यह हुआ कि हम अब भी वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी में 10.5 फीसद की बढ़ोतरी के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र और राज्य दोनों समन्वित तरीके से अपनी-अपनी भूमिका निभाते रहे तो जीडीपी में दो-तीन फीसद तक की गिरावट को रोका जा सकता है। भारत में कोरोना की दूसरी लहर में लगातार हो रही तेजी को देखते हुए कई रे¨टग एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास दर के अनुमान को कम कर दिया है।