Free Vaccination For All: क्या सुप्रीम कोर्ट की निर्देश के बाद केंद्र ने बदली वैक्सीन नीति? जानें सरकार ने क्या कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोमवार को 18 वर्ष से ऊपर सभी लोगों को मुफ्त वैक्सीन की घोषणा के बाद विपक्षी दलों और सोशल मीडिया में सरकार के आलोचक सभी इस बात दावा कर रहे हैं कि सरकार ने यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद लिया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोमवार को 18 वर्ष से ऊपर सभी लोगों को मुफ्त वैक्सीन की घोषणा के बाद विपक्षी दलों और सोशल मीडिया में सरकार के आलोचक सभी इस बात दावा कर रहे हैं कि सरकार ने यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद लिया है। हालांकि भारत सरकार ने इसे सिरे से खारिज किया हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेस में नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल से जब पूछा गया कि क्या भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद टीकाकरण के लिए नए दिशा- निर्देश पेश किए तो उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट की चिंता का सम्मान करते हैं, लेकिन भारत सरकार एक मई से विकेन्द्रीकृत मॉडल के कार्यान्वयन का मूल्यांकन कर रही थी। ऐसे फैसले विश्लेषण और परामर्श के आधार पर समय की अवधि में लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमने 15 मई और 21 मई को प्रधानमंत्री के साथ दो उच्च स्तरीय बैठकें की थीं। उन्होंने हमें वैकल्पिक मॉडलों पर काम करने का निर्देश दिया। यह स्पष्ट हो गया कि हमें उस समय प्रचलित व्यवस्था को संशोधित करने की आवश्यकता है।
#WATCH | We had two high-level meetings on May 15 and May 21 with the Prime Minister. He directed us to work on alternate models. It became clear that we need to modify the system prevailing at that time: Dr VK Paul, NITI Aayog pic.twitter.com/basJRYMbQi— ANI (@ANI) June 8, 2021
सरकार के सूत्रों ने कहा है कि टीकाकरण के विकेंद्रीकृत मॉडल का एक महीना पूरा होने के बाद 1 जून को पीएम के समक्ष मुफ्त टीकाकरण की योजना पेश की गई थी। पीएम ने बैठक में सैद्धांतिक मंजूरी दी थी और इसकी नींव 1 जून को ही रख दी गई थी। सोमवार को पीएम नरेंद्र प्रधानमंत्री ने इसकी घोषणा की।
ज्ञात हो कि पीएम की मुफ्त टीकाकरण की घोषणा के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने पिछले कई महीनों में बार-बार यह मांग रखी कि 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को मुफ्त टीका लगना चाहिए, लेकिन मोदी सरकार ने इससे इनकार कर दिया। फिर सुप्रीम कोर्ट ने नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को कटघरे में खड़ा किया। फिलहाल खुशी है कि हर नागरिक को मुफ्त टीका मुहैया कराने की मांग सरकार ने आधे-अधूरे ढंग से मान ली।
जानें क्या कहा था सुप्रीम कोर्ट ने?
सुप्रीम कोर्ट ने तीन जून को केंद्र सरकार से कहा था कि 18 से 45 वर्ष के लोगों के लिए टीकाकरण नीति से जुड़ी अपनी सोच को दर्शाने वाले सभी प्रासंगिक दस्तावेज और फाइलों की नोटिंग रिकॉर्ड पर रखे। इसके अलावा सभी टीकों की आज तक की खरीद का ब्योरा पेश करें। कोर्ट ने टिप्पणी की कि जब सरकार की नीतियों के जरिये नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का हनन हो रहा हो तो अदालत मूक दर्शक नहीं बनी रह सकती।
इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार की पेड वैक्सीन नीति को प्रथमदृष्टया मनमाना और अतार्किक बताते हुए स्पष्ट करने का निर्देश दिया था। इसमें पूछा था कि केंद्रीय बजट में वैक्सीन की खरीद के लिए रखे गए 35,000 करोड़ रुपये अब तक कैसे खर्च किए गए हैं। साथ ही पूछा कि इस फंड का इस्तेमाल 18-44 वर्ष के लोगों के लिए वैक्सीन खरीदने के लिए क्यों नहीं किया जा सकता। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, एलएन राव और श्रीपति रवींद्र भट्ट की विशेष पीठ ने आदेश में कहा कि हम केंद्र को दो सप्ताह में टीकाकरण को लेकर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हैं।