Covid 19 Vaccine: केंद्र सरकार ने तोड़ी चुप्पी, जारी किए वैक्सीन के आंकड़े
हर्षवर्धन के अनुसार सरकार के पास कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों मिलाकर कुल 13.5 करोड़ डोज हैं जिनमें 9.1 करोड़ डोज का इस्तेमाल किया जा चुका है। लगभग 2.4 करोड़ डोज सरकार के पास स्टॉक में पड़ी है और लगभग 1.9 करोड़ डोज वैक्सीन पाइपलाइन में है।
नई दिल्ली, नीलू रंजन। आखिरकार सरकार ने वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर चुप्पी तोड़ दी है। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने ट्वीट कर बताया कि देश में कुल 9.1 करोड़ डोज वैक्सीन का उपयोग किया गया है और 4.3 करोड़ डोज स्टॉक में है और राज्यों को दिए जाने की प्रक्रिया में है। इसके साथ ही सरकार ने वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने की कवायद भी शुरू कर दी है। ध्यान देने की बात है कि गुरुवार को दैनिक जागरण ने वैक्सीन की उपलब्धता और उपयोग पर स्वास्थ्य मंत्रालय की चिंताजनक चुप्पी की खबर दी थी।
9.1 करोड़ डोज का हो चुका है उपयोग, 4.3 करोड़ से अधिक स्टॉक
हर्षवर्धन के अनुसार सरकार के पास कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों मिलाकर कुल 13.5 करोड़ डोज हैं, जिनमें 9.1 करोड़ डोज का इस्तेमाल किया जा चुका है। लगभग 2.4 करोड़ डोज सरकार के पास स्टॉक में पड़ी है और लगभग 1.9 करोड़ डोज वैक्सीन पाइपलाइन में है। इस तरह से 4.3 करोड़ से अधिक डोज सरकार के पास मौजूद है। टीकाकरण की मौजूदा रफ्तार के अनुसार यह अगले 10 से 15 दिनों तक चल सकती है। इसके अलावा सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक से लगातार वैक्सीन की सप्लाई हो रही है।
महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान को दी गई सबसे अधिक वैक्सीन
वैसे हर्षवर्धन ने यह साफ नहीं किया कि सरकार के पास मौजूद 4.3 करोड़ डोज में कोविशील्ड और कोवैक्सीन कितनी-कितनी है? उन्होंने वैक्सीन के राज्यवार सप्लाई और उपयोग के आंकड़े भी देने से परहेज किया, लेकिन ट्वीट कर इतना जरूर साफ कर दिया कि देश में जिन तीन राज्यों को सबसे अधिक वैक्सीन की सप्लाई की गई है, उनमें महाराष्ट्र और राजस्थान भी शामिल हैं। हर्षवर्धन के अनुसार, महाराष्ट्र को कुल एक करोड़ छह लाख 19 हजार 190 डोज टीके की सप्लाई की गई है। उसके बाद गुजरात का स्थान आता है, जहां एक करोड़ पांच लाख 19 हजार 330 डोज टीके भेजे गए। तीसरे स्थान पर राजस्थान है, जिसे एक करोड़ चार लाख 95 हजार 860 डोज टीके दिए जा चुके हैं।
वैक्सीन के उत्पादन में तेजी लाने की कोशिश में जुटी सरकार
देश में कोरोना संक्रमण की विस्फोटक होती स्थिति और 18 साल से अधिक उम्र के सभी युवाओं के लिए वैक्सीन को खोलने की विपक्ष की मांग देखते हुए सरकार उत्पादन में तेजी लाने की कोशिश में जुट गई है। इसके लिए देश में वैक्सीन उत्पादन की मौजूदा सभी क्षमताओं का उपयोग करने पर विचार किया जा रहा है। यहां तक कि जानवरों के लिए वैक्सीन बनाने वाली इकाइयों की सूची भी तैयार की जा रही है। इनमें से कोरोना वैक्सीन के उत्पादन की क्षमता वाली इकाइयों का इसके लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फिलहाल देश में हर महीने लगभग सात करोड़ डोज वैक्सीन का उत्पादन हो रहा है, जिनमें 90 फीसद कोविशील्ड है। सरकार की कोशिश अगस्त तक इस उत्पादन को 14 करोड़ डोज प्रति महीना पहुंचाने की है।