Covid 19 Vaccination: सभी को वैक्सीन पर केंद्र सरकार ने कहा, ज्यादा जोखिम वालों को टीकाकरण पहले
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि बहुत से लोग पूछ रहे हैं कि हमें सभी के लिए टीकाकरण क्यों नहीं खोलना चाहिए। इस तरह के टीकाकरण अभियान के दो उद्देश्य हैं - कोरोना से मौतों को रोकना और स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की रक्षा करना।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सरकार ने 45 साल के कम उम्र के लोगों के लिए कोरोना वैक्सीन को खोलने की उठ रही मांगों को खारिज कर दिया है। सरकार ने साफ कर दिया कि फिलहाल वैक्सीन उन्हीं लोगों को लगेगी, जिनको इसकी जरूरत है। कोरोना वायरस के चलते होने वाली मौतों को रोकना सरकार की पहली प्राथमिकता। भारत दुनिया का अकेला ऐसा देश है, जहां 45 साल और उससे अधिक उम्र के सभी लोगों को टीका लगाया जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि पूरी दुनिया में सभी देश सबसे पहले प्राथमिकता वाले समूहों का टीकाकरण कर रहे हैं, ताकि कोरोना से होने वाली मौतों को रोका जा सके।
उनके अनुसार ब्रिटेन ने भी फरवरी के अंत में 50 साल से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण शुरू किया था और उसका लक्ष्य 15 अप्रैल तक 50 से 59 साल के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने का है। इसके अलावा ब्रिटेन 15 से 64 साल से उन लोगों को भी वैक्सीन दे रहा है, जो किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं। इसी तरह अमेरिका भी फ्रंटलाइन और अनिवार्य सेवा से जुड़े वर्कर्स और 75 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन देने के बाद अब 65 से 74 साल के बीच लोगों को वैक्सीन दे रहा है। फ्रांस में भी 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के अलावा 50 से 60 साल के बीच गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को टीका लगाया जा रहा है। केवल भारत में एक अप्रैल से 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना रोधी टीका लगाना शुरू किया गया है।
टीकाकरण की रफ्तार सबसे तेज
देश में वैक्सीन लगाने की रफ्तार को दुनिया में सबसे तेज बताते हुए राजेश भूषण ने विभिन्न देशों में चल रहे कोरोना टीकाकरण के आंकड़े पेश किए। उन्होंने कहा कि सिर्फ अमेरिका ऐसा देश है, जहां प्रतिदिन भारत से टीके लगाए जा रहे हैं। अमेरिका में प्रतिदिन औसतन 30.53 लाख टीके लगाए जा रहे हैं, वहीं भारत में यह संख्या औसत 26.53 लाख है। ब्राजील, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, इटली और तुर्की में यह छह लाख प्रतिदिन से भी कम है। जबकि अमेरिका और ब्रिटेन में भारत से एक महीना से अधिक समय पहले ही टीकाकरण शुरू हो गया था।
कुल डोज देने में दूसरे नंबर भारत
इसी तरह कुल वैक्सीन डोज देने के मामले में भी अमेरिका के बाद भारत दूसरे स्थान पर है। अमेरिका में 16 करोड़ 50 लाख से अधिक डोज लगाए जा चुके हैं, वहीं भारत में यह आंकड़ा आठ करोड़ को पार कर चुका है। जबकि ब्रिटेन में 3.69 करोड़, ब्राजील में 2.10 करोड़, जर्मनी में 1.43 करोड़, फ्रांस में 1.23 करोड़ और इटली में अभी तक सिर्फ 1.10 करोड़ टीके ही लगाए गए हैं।
टीका लगाने में और लाई जाएगी तेजी
सोमवार को रिकॉर्ड कोरोना रोधी वैक्सीन की 43 लाख डोज लगाए जाने पर संतोष जताते हुए नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य)डॉ. वीके पॉल ने कहा कि आने वाले दिनों में वैक्सीन की रफ्तार और भी तेज होगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन देने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इससे नीचे के आयु वर्ग के लिए भी इसे खोला जाएगा। उनके अनुसार भारत में कोरोना का टीकाकरण अभियान दुनिया में सबसे बड़ा है और संख्या और रफ्तार में कोई भी देश इसका मुकाबला नहीं कर सकता है।
दिल्ली और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने पीएम को पत्र लिखा
इस बीच कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर नया टीकाकरण केंद्र खोलने के लिए शर्तों में ढील देने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही टीकाकरण के लिए आयु सीमा में छूट देने की मांग भी की है। अरविंद केजरीवाल ने पत्र के माध्यम से पीएम मोदी से अपील की है कि कोरोना का टीका सभी लोगों के लिए उपलब्ध कराया जाए। वहीं उद्धव ठाकरे ने 25 वर्ष से ऊपर सभी लोगों को टीका लगाने की अनुमति देने की मांग की है।
18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों का टीकाकरण हो
देश में कोरोना वायरस के तेज होते प्रसार को देखते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों का टीकाकरण शुरू करने की अपील की है। प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में आइएमए ने कहा है कि 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को अपने पास के टीका केंद्र पर जाकर मुफ्त में टीका लगवाने की अनुमति दी जानी चाहिए। आइएमए ने निजी अस्पतालों के साथ ही छोटे-छोटे क्लीनिक को भी टीकाकरण अभियान में बड़े पैमाने पर शामिल करने का सुझाव दिया है।