COVID 19 Vaccination: भारत में सिर्फ छह दिनों में ही लग गए 10 लाख लोगों को टीके, जानें ब्रिटेन और अमेरिका को लगा कितना समय
दुनिया के अन्य देशों की तुलना में अपने यहां टीकाकरण अभियान की गति भी तेज है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को बताया कि देश में सिर्फ छह दिनों के भीतर 10 लाख लोगों को कोरोना के टीके लगे हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। दुनिया के अन्य देशों की तुलना में अपने यहां टीकाकरण अभियान की गति भी तेज है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को बताया कि देश में सिर्फ छह दिनों के भीतर 10 लाख लोगों को कोरोना के टीके लगे हैं। यह एक ऐसा आंकड़ा है, जिसने अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों को भी पीछे छोड़ दिया है। मंत्रालय के अनुसार देश में टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से अब तक करीब 16 लाख लोगों को टीके लग चुके हैं। मंत्रालय ने बताया कि 10 लाख का आंकड़ा पार करने में ब्रिटेन को 18 दिन और अमेरिका को 10 दिन का समय लगा था।मंत्रालय ने बताया कि 24 जनवरी सुबह आठ बजे तक करीब 16 लाख (15,82,201) लाभार्थियों को टीके लगे हैं। पिछले 24 घंटे में देश भर में 3,512 सत्रों में करीब दो लाख (1,91,609) लोगों को टीके लगे। वहीं अब तक टीकाकरण के लिए 27,920 सत्रों का आयोजन किया जा चुका है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने की टीके लगवाने की वकालत
देश में अभी तक टीके को लेकर ऐसी बहस नहीं चली थी, जैसी कोरोना वैक्सीन को लेकर चल रही है। टीका लगवाना दैनिक जीवन का हिस्सा बन गया था। स्वास्थ्य के क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों की माने तो टीके लगवाने जरूरी हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ और संयुक्त राष्ट्र भी टीके का समर्थन करते हैं।
फोर्टिस अस्पताल के चिकित्सक डॉ. संजय शाह कहते हैं कि भारत जैसे देश में प्राकृतिक तरीके से सभी लोगों में प्रतिरक्षा का विकास असंभव है। इसलिए अपने देश के लिए प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए दोनों तरीके जरूरी है। हमें प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने वाली वैक्सीन भी चाहिए और प्राकृतिक तरीके से भी प्ररितक्षा मजबूत होनी चाहिए। डॉ. शाह का कहना है कि किसी भी महामारी को रोकने के लिए पूरी आबादी के 70 फीसद लोगों में प्रतिरक्षा मजबूत होनी चाहिए। सिर्फ प्राकृतिक तरीके से ऐसा संभव नहीं है।
डॉ. शाह का कहना है कि किसी भी कोरोना वायरस में जीवित वायरस नहीं है, इसलिए वैक्सीन से संक्रमण नहीं हो सकता। वैक्सीन लगाने के बाद वायरस के चलते कोई बीमार नहीं हो सकता। उनका कहना है कि भारत में जिन दो वैक्सीन-कोविशील्ड और कोवैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है, यह दोनों ही वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित हैं।