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Covid 19 In India: नासमझी में बहादुरी न दिखाएं, हम थक सकते हैं वायरस नहीं : स्वास्थ्य मंत्रालय

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि लोग बिना वजह घरों में आक्सीजन सिलेंडर और जरूरी दवाओं का स्टाक न जमा करें। उन्होंने कहा कि सरकार ने महामारी की शुरुआत से ही आक्सीजन सपोर्ट वाले बेड को अहम बताया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 01 May 2021 07:01 AM (IST)Updated: Sat, 01 May 2021 07:01 AM (IST)
Covid 19 In India: नासमझी में बहादुरी न दिखाएं, हम थक सकते हैं वायरस नहीं : स्वास्थ्य मंत्रालय
हालात से निपटने के लिए सबसे सहयोग की अपील की

नई दिल्ली, प्रेट्र। कोरोना की दूसरी लहर के बढ़ते कहर के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को नासमझी में बहादुरी न दिखाने की सलाह दी है। मंत्रालय ने कहा कि 'कोरोना कुछ नहीं है', 'यह घोटाला है', 'वायरस जितना फैलना था, फैल चुका', 'मुझे मास्क की जरूरत नहीं', 'चलो पार्टी करते हैं', 'कोरोना की चिंता के अलावा भी जिंदगी है' ऐसी बातों से बचें। मंत्रालय ने दो टूक कहा कि हम थक सकते हैं, लेकिन वायरस नहीं थकता है। मंत्रालय ने सभी से कोरोना से बचाव के कदमों का पालन करने की अपील की है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने हालात से निपटने के लिए सबसे सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि गलत तरह का डर भी सही नहीं है। 

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अनावश्यक डर के कारण घरों में आक्सीजन सिलेंडर नहीं रखने की भी अपील

उन्होंने कहा कि लोग बिना वजह घरों में आक्सीजन सिलेंडर और जरूरी दवाओं का स्टाक न जमा करें। संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने महामारी की शुरुआत से ही आक्सीजन सपोर्ट वाले बेड को अहम बताया है। राज्यों को सुझाव दिया गया है कि आक्सीजन के असामान्य इस्तेमाल को रोकें। ध्यान रखा जाए कि जब जरूरत न हो तो सिलेंडर का वाल्व खुला न रहे। देखने में आ रहा है कि कुछ निजी अस्पताल घर में कोविड केयर के पैकेज में आक्सीजन सिलेंडर भी दे रहे हैं। मौजूदा हालात में आक्सीजन को क्रिटिकल कमोडिटी की तरह समझना होगा।

कोविड सस्पेक्ट वार्ड बनाएं राज्य

स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से कोविड सस्पेक्ट वार्ड बनाने को भी कहा है। संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, 'ऐसे मरीज जिनकी रिपोर्ट नहीं आई है, लेकिन उनमें लक्षण दिख रहे हैं, उन्हें कोविड सस्पेक्ट वार्ड में रखकर उनका इलाज शुरू कर दिया जाए।' अग्रवाल ने इस दौरान आक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी।

डर नहीं, सतर्कता की जरूरत

एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने दूसरी लहर के दौरान अनावश्यक डर से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा, 'ऐसा डर गलत है कि मैं कोरोना वायरस के संपर्क में आ गया हूं, मैं मर जाऊंगा, संक्रमित होते ही मुझे रेमडेसिविर चाहिए, घर पर आक्सीजन सिलेंडर रख लेते हैं। ऐसी घबराहट से स्थिति सिर्फ खराब ही होती है। बिना जरूरत घर में आक्सीजन लाकर न रखें।'

कुछ राज्यों में तेजी से बढ़ रहे मामले

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने इस बात पर भी चिंता जताई की कि कुछ राज्यों में सितंबर के मुकाबले कोरोना के बढ़ने की दर बहुत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक, केरल, बंगाल, तमिलनाडु, गोवा और ओडिशा में सिर्फ पीक ही ऊपर नहीं गया है, यहां संक्रमण बढ़ने की दर भी ज्यादा है। इन राज्यों को लोकल कंटेनमेंट और बचाव के कदमों पर ध्यान देने की जरूरत है। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में अभी के सर्वाधिक मामले सितंबर के मुकाबले 2.8 गुना हैं, वहीं उत्तर प्रदेश में 5.4 गुना और छत्तीसगढ़ में 4.5 गुना हैं।


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