टीकाकरण के लिए Covaxin पूरी तरह से सुरक्षित, डब्ल्यूएचओ के मानकों पर खरी : रेड्डी
पीएम मोदी ने शनिवार को कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया। इसके तहत भारत में अग्रिम पंक्ति के लगभग दो लाख स्वास्थ्यकर्मियों और सफाईकर्मियों को टीके की पहली खुराक दी गई।
नई दिल्ली, आइएएनएस। भारत बायोटेक द्वारा विकसित स्वदेशी कोरोना वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर आशंकाओं को खारिज करते हुए केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के संयुक्त औषधि नियंत्रक एसई रेड्डी ने शनिवार को कहा कि कोवैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है और इसके प्रभाव का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानकों को पूरा करता है। वैक्सीन को लेकर चिंता करने की कोई बात नहीं है।
रेड्डी ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के मुताबिक किसी भी वैक्सीन के प्रभाव का स्तर कम से कम 50 फीसद होना चाहिए। कोवैक्सीन प्रभाव के इस मानक को पूरा करती है। उन्होंने कहा, 'हम आश्वासन देते हैं कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और इसका प्रभाव भी संतोषजनक होगा।' वह वैक्सीन की सुरक्षा के विषय पर आयोजित एक वेबिनार में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि जिन्हें भी वैक्सीन लगाई जा रही है, सरकार उन पर नजर रख रही है। सभी लाभार्थियों पर नजर रखने के लिए एक मजबूत कार्यक्रम तैयार किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार को तोड़ने के लिए टीकाकरण जरूरी है।
वैक्सीन की प्रतिरोधक क्षमता पर उन्होंने कहा कि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि इसकी प्रतिरक्षा कब तक बनी रहेगी। हालांकि, आमतौर पर यह माना जाता है कि वैक्सीन जीवनभर के लिए प्रतिरक्षा देती है। उन्होंने कहा कि कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल में 24,000 वालंटियर शामिल हैं। रेड्डी ने कहा कि भारत के पास हर साल दो अरब वैक्सीन तैयार करने की क्षमता है और वह घरेलू मांग को आसानी से पूरा कर लेगा और दूसरे देशों को निर्यात भी करेगा।