कोल घोटाला: JIPL, रूंगटा के खिलाफ 4 अप्रैल को होगा सजा का एलान
सीबीआई की विशेष अदालत ने कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में दोषी करार दिए गए झारखंड इस्पात प्राइवेट लिमिटेड और इसके दोनों डायरेक्टर्स के खिलाफ 4 अप्रैल तक के लिए सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।
नई दिल्ली। सीबीआई की विशेष अदालत ने कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में दोषी करार दिए गए झारखंड इस्पात प्राइवेट लिमिटेड और इसके दोनों डायरेक्टर्स के खिलाफ 4 अप्रैल तक के लिए सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। सीबीआई की तरफ से जेआईपीएएल और इसके दोनों डायरेक्टर्स आर.एस. रूंगटा व आर. सी. रूंगटा के खिलाफ सीबीआई ने अधिकतम सज़ा देने की मांग की है।
विशेष सीबीआई जज भरत पराशर के सामने बहस करते हुए सीबीआई के तरफ से कहा गया कि कोल ब्लॉक में दोषी जेआईपीएल और इसके दोनों डायरेक्टर्स ने जानबूझकर सुनियोजित तरीके से आर्थिक अपराध किए हैं। इसलिए ये अदालत से थोड़ी भी नरमी के हकदार नहीं है। सीबीआई ने इन्हें कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की।
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कोयला घोटाला में जो दोषी करार दिए गए उनके खिलाफ सरकार से कोल ब्लॉक हासिल करने के लिए धोखाधड़ी जैसे कई आरोप लगे हैं। हालांकि, दोषियों की तरफ से अदालत में ये दलील दी गई कि उन्होंने कॉल ब्लॉक हासिल करने के लिए किसी और को नहीं रोका। इसलिए, अदालत उनके खिलाफ सजा सुनाने से पहले थोड़ी नरमी बरते।
अभियुक्त की तरफ से पेश हुए वकील ने सीबीआई की विशेष अदालत में ये भी कहा कि ऐसा कोई ऑन रिकॉर्ड साक्ष्य नहीं है जिससे ये साबित हो सके कि उन्होंने कोल ब्लॉक पाने के ले किसी वास्तविक बोली लगाने वाले को अधिकार से वंचित किया हो।
अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा, “हमने किसी भी सरकारी नौकरशाह से मिलकर किसी तरह को कोई साजिश नहीं रची है ना ही इस काम के लिए किसी और को लगाया। कोल ब्लॉक से कोयला नहीं निकालने के चलते हमें पहले ही करीब 200 करोड़ से भी ज्यादा का नुकसान हो चुका है।"
रूंगटा ने अदालत को बताया कि कोल ब्लॉक आवंटन में मुख्य दोषी कंपनी था ना कि कोई व्यक्तिगत तौर पर कोई खास आदमी। इसलिए अदालत को सजा सुनाने से पहले अभियुक्त की उम्र के साथ-साथ इन सभी बातों पर भी गौर करना चाहिए।
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बचाव पक्ष के वकील ने अदालत से कहा कि अभियुक्त किसी अन्य केस में अब तक दोषी नहीं हुए हैं, ना ही इनके खिलाफ कोई गंभीर अपराध का कोई मामला लंबित है। तो वहीं, अभियोजक पक्ष ने इस दलील को खारिज करते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ हत्या की कोशिश जैसे कई गंभीर मामले लंबित पड़े हैं।अभियोजक पक्ष की तरफ से इस मामले में दोषियों के खिलाफ लंबित केस की एक सूची भी सौंपी गई। जिसके बाद अदालत ने अभियुक्त से कहा कि आप सही तरीके से अपने आपको पेश नहीं कर पा रहे हैं।
यद्यपि, दोषियों की तरफ से वो सभी कागजात अदालत में सौंपे गए जिन मामलों में या तो केस का निपटारा किया जा चुका है या फिर वे बरी हो चुके हैं। इसके बाद अदालत ने उनसे एक हलफनामा दायर करने के लिए कहते हुए अपने आदेश को सुरक्षित रख लिया।
गौरतलब है कि कोल ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में कई लोगों के खिलाफ केस चल रहा है। लेकिन, सबसे पहले झारखंड इस्पात प्राइवेट लिमिटेड और दोनों रूंगटा डायरेक्टर्स को 28 मार्च को दोषी करार दिया गया है। झारखंड के नार्थ धाडू कोल ब्लॉक को सरकार से धोखाधड़ी कर आवंटन कराने के मामले में जेआईपीएल और इसके दोनों रूंगटा डायरेक्टर्स को सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी पाया।