वंजारा के खिलाफ चलेगा इशरत मामला, कोर्ट ने आरोप मुक्त करने की अर्जी ठुकराई
गुजरात पुलिस के पूर्व महानिदेशक पीपी पांडे इस मामले में पहले आरोप मुक्त हो चुके हैं।
अहमदाबाद, जेएनएन। इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में पूर्व आईपीएस डीजी वंजारा व एनके अमीन की आरोप मुक्त करने की अर्जी विशेष सीबीआई अदालत ने खारिज कर दी है। सीबीआई ने इन अधिकारियों की याचिका का विरोध करते हुए बताया कि वंजारा व अमीन इस साजिश में शामिल रहे हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 7 सितंबर को होगी।
इशरत जहां मुठभेड मामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम ने सीबीआई के विशेष जज जेके पंड्या को बताया कि पूर्व पुलिस अधिकारी एनके अमीन इस साजिश में शामिल थे तथा इशरत को गोली मारने के वक्त घटनास्थल पर मौजूद थे, जबकि पूर्व आईपीएस डीजी वंजारा की देखरेख में ही इस फर्जी मुठभेड़ को अंजाम देने की बात अदालत के समक्ष रखते हुए सीबीआई ने दावा किया कि वंजारा के आदेश पर ही यह किया गया था।
गुजरात पुलिस के पूर्व महानिदेशक पीपी पांडे इस मामले में पहले आरोप मुक्त हो चुके हैं। वंजारा व अमीन ने भी उसी आधार पर आरोप मुक्त करने की अर्जी लगाई, लेकिन सीबीआई के विरोध के चलते अदालत ने उनकी याचिका खारिज करते हुए आगामी सुनवाई 7 सितंबर तक के लिए टाल दी है। इस मामले में पूर्व आईपीएस जीएल सिंघल, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट तरुण बारोट, पुलिस निरीक्षक अनाजु चौधरी व जेजी परमार को भी आरोपी बनाया गया था।
विशेष अदालत ने इशरत जहां फर्जी मुठभेड मामले में राज्य सरकार से भी स्पष्टीकरण मांगा है कि इस मामले में गिरफ्तारी से पहले सरकार से मंजूरी ली गई थी या नहीं। सीबीआई भी एक माह में इस मामले में अपने प्रोग्रेस रिपोर्ट अदालत को सौंपेगी।