विजय माल्या को 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी' घोषित करने की ED की अर्ज़ी पर आदेश 5 जनवरी तक स्थगित
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस संबंध में मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
मुंबई, जेएनएन। शराब कारोबारी विजय माल्या को 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी' घोषित करने की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अर्ज़ी पर विशेष पीएमएलए जज अपने फैसले के साथ तैयार नहीं हैं, इसलिए आदेश को 5 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। माल्या के खिलाफ यह याचिका प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दी थी। बता दें कि लंदन की कोर्ट माल्या के प्रत्यर्पण के लिए रजामंदी दे चुकी है, लेकिन माल्या के पास फिलहाल इसके खिलाफ अपील करने के लिए जनवरी तक का वक्त है। माल्या इन दिनों ब्रिटेन में है। 62 वर्षीय कारोबारी पर मनी लांड्रिंग का भी आरोप है। लंदन की एक कोर्ट ने उसके भारत के समक्ष प्रत्यार्पण का आदेश भी दिया है।
नौ हजार करोड़ के बैंक लोन घोटाले में फरार चल रहे शराब कारोबारी विजय माल्या को 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम-2018' के तहत भगोड़ा घोषित करने संबंधी याचिका पर फैसले के लिए विशेष अदालत ने 26 दिसंबर की तिथि तय की थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस संबंध में मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) कोर्ट में याचिका दाखिल की है। कोर्ट द्वारा भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के बाद ईडी को माल्या की संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार मिल जाएगा।
याचिका पर विस्तृत सुनवाई के बाद पीएमएलए जज एमएस आजमी ने फैसले के लिए 26 दिसंबर की तिथि तय की। माल्या ने अपने वकील अमित देसाई के जरिये याचिका को निरस्त करने की मांग की और कहा कि नया कानून कठोर है। देसाई ने सोमवार को ईडी के उस दावे का विरोध किया, जिसमें कहा गया है कि शराब कारोबारी मार्च 2016 में एक सम्मेलन में शामिल होने के बहाने सामान से भरे 300 बैग के साथ जेनेवा चला गया था। वास्तव में वह सम्मेलन के बहाने देश से भाग गया था।