फर्जी एनकाउंटर मामले में अमित शाह को पेशी से छूट
विशेष सीबीआई अदालत ने भाजपा महासचिव अमित शाह को तुलसी प्रजापति और सोहराबुद्दीन शेख फर्जी एनकाउंटर मामले में सुनवाई के दौरान पेशी से छूट दे दी है। अमित शाह के वकील ने कोर्ट में यह दलील दी थी कि वह पार्टी के काम में अत्यधिक व्यस्त हैं जिस वजह से वह इस मामले में सुनवाई के दौरान पेश नहीं हो सकेंगे। उ
मुंबई। विशेष सीबीआई अदालत ने भाजपा महासचिव अमित शाह को तुलसी प्रजापति और सोहराबुद्दीन शेख फर्जी एनकाउंटर मामले में सुनवाई के दौरान पेशी से छूट दे दी है। अमित शाह के वकील ने कोर्ट में यह दलील दी थी कि वह पार्टी के काम में अत्यधिक व्यस्त हैं जिस वजह से वह इस मामले में सुनवाई के दौरान पेश नहीं हो सकेंगे। उन्होंने इस मामले में पेशी से छूट की अपील की थी, जिसे कोर्ट ने मान लिया।
विशेष सीबीआई की अदालत के जब बीएच लोया ने इस मामले की सुनवाई के लिए अब 17 जुलाई की तारीख तय की है। इससे पहले भी सीबीआई की विशेष अदालत इसी मामले में शाह को पेशी से छूट दे चुकी है। उस वक्त इस मामले की सुनवाई कर रहे जज जेटी उटपट ने शाह को बिना कारण बताए पेशी में छूट लेने पर कटाक्ष भी किया था। हालांकि 25 जून को उटपट का ट्रांसफर पुणे हो गया था।
इस मामले में कोर्ट ने 9 मई को शाह समेत अन्य आरोपियों को समन जारी किया था। इस मामले में सीबीआई ने शाह समेत करीब अठारह आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। इसमें कुछ पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। सीबीआई के मुताबिक गैंगस्टर सोहराबुद्दीन और उनकी पत्नी कौसर बी को गुजरात पुलिस ने उस वक्त पकड़ा था जब वह हैदराबाद से सांगली जा रहे थे। बाद में इनका नवंबर 2005 में फर्जी एनकाउंटर करवा दिया गया। सोहराबुद्दीन का संबंध लश्कर से भी बताया जाता है।
इस मामले के चश्मदीद तुलसी प्रजापति की हत्या भी पुलिस के द्वारा बांसाकांठा जिले में दिसंबर 2006 में कर दी गई थी। सीबीआई के मुताबिक गुजरात के तत्कालीन गृह राज्य मंत्री अमित शाह इन दोनों की हत्याओं की साजिश रची थी।
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