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मन मस्तिष्क की नेगेटिव एप्रोच को खत्म कर पॉजिटिव एनर्जी देता है ‘Couple Yoga’

दरअसल हमारे शरीर को किसी अनजान व्यक्ति द्वारा छूने और किसी अपने के छूने का अहसास अलग-अलग होता है। यही वजह है कि कपल योगा हर पल युगल को आगे बढ़कर कुछ करने के लिए प्रेरित करता है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 02:12 PM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 09:57 PM (IST)
मन मस्तिष्क की नेगेटिव एप्रोच को खत्म कर पॉजिटिव एनर्जी देता है ‘Couple Yoga’
मन मस्तिष्क की नेगेटिव एप्रोच को खत्म कर पॉजिटिव एनर्जी देता है ‘Couple Yoga’

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। कपल योगा भारत में भले ही नया हो लेकिन चीन में ये काफी लोकप्रिय है। योग का यह रूप खासतौर पर युगल के लिए ही तैयार किया गया है। इसमें युगल एक साथ व्यायाम कर सकते हैं। इससे न केवल युगल के बीच भावनात्मएक जुड़ाव और मजबूत होता है बल्कि दोनों को एक-दूसरे को समझने का भी बेहतर मौका मिलता है।

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कपल योगा महज दो लोगों द्वारा एक साथ की जाने वाली योग साधना नहीं है बल्कि यह इससे कहीं आगे है। दरअसल, हमारे शरीर को किसी अनजान व्यक्ति द्वारा छूने और किसी अपने के छूने का अहसास अलग-अलग होता है। यही वजह है कि कपल योगा हर पल युगल को आगे बढ़कर कुछ करने के लिए प्रेरित करता है। इसका सबसे बड़ा फायदा दोनों का एक दूसरे पर विश्वास और गहरा होता है, जो युगल को मानसिक तौर पर बेहद शांत रखने में मदद करता है और सुख का अनुभव कराता है।

इसके फायदे

  • युगल द्वारा एक साथ किए जाने वाले योग के इस रूप में साथ एक दूसरे के शरीर की मांसपेशियों में आने वाले खिचाव और एक ही मुद्रा में कुछ समय तक बने रहने में काफी फायदा करते हैं। यही वजह है कि इसका फायदा योग के दूसरे प्रारूपों से कहीं ज्यादा होता है।
  • यह कहने में भले ही अटपटा लगे लेकिन यह सच है कि कपल योगा के दौरान युगल एक दूसरे को सहयोग कर अपने शरीर को सीमा के पार ले जाने में भी सफल हो सकते हैं।
  • इस योग का एक फायदा ये भी है कि इसमें नई चीजों को सीखने में आसानी होती है, क्योंकि वहां पर आपका साथी आपके सहयोग के लिए मौजूद होता है।
  • योग के इस प्रारूप से मन और मस्तिष्क में आने वाले नकारात्मक भाव या नेगेटिव एप्रोच खत्म होती हैं और आपके मन-मस्तिष्क में नई ऊर्जा का संचार होता है।

आइटी प्रोफेसर की नौकरी छोड़ बने योग गुरु 

यह एक सुखद संयोग ही है कि कपल योगा की चीन में शुरुआत करने वाले सोहन सिंह भारतीय मूल के ही हैं। बीते 15 वर्षों से वह चीन के जियांग में योग के विभिन्न प्रारूपों को लोकप्रिय बनाने में जुटे हैं। योग गुरू बनने से पहले सोहन आइटी क्षेत्र में प्रोफेसर थे। वह मानते हैं कि फिटनेस केवल एक शब्द नहीं है बल्कि, यह एक स्वस्थ और सुखी जीवन की जरूरत है। इसके अलावा योग हमेशा से ही पूरी दुनिया में आपसी एकता को कायम करने का साधन बनता आया है।

ये है योजना 

आने वाले पांच वर्षों के दौरान सोहन योगा इंस्टीट्यूट लद्दाख और जम्मू कश्मीर में योग को लेकर निवेश की योजना पर काम कर रहा है। इन केंद्र शासित प्रदेश में यह युवाओं के लिए पूरी तरह से नि:शुल्क होंगे। इस दौरान पूरे देश में 30 नए योग प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे। यहां पर कपल योग के अलावा, केंद्र हठ योग, अष्टांग योग, प्रवाह योग, चिकित्सा पाठ्यक्रम आदि में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।


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