Catch the Rain Programs : अब अनमोल होंगी बारिस की बूदें, मोदी सरकार स्वच्छता की तर्ज पर चलाएगी देशव्यापी अभियान
बारिश के हर बूंद पानी को सहेजने को लेकर सौ दिनों का एक देशव्यापी अभियान शुरू होने जा रहा है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने यह पहल की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अभियान में देश के नागरिकों से बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। Catch the Rain Programs: बारिश के हर बूंद पानी को सहेजने को लेकर सौ दिनों का एक देशव्यापी अभियान शुरू होने जा रहा है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने यह पहल की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अभियान में देश के नागरिकों से बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की है। एक अप्रैल से 30 जून के बीच चलने वाले इस अभियान में सरकार के सात मंत्रालय हिस्सा लेंगे। यह जानकारी मंगलवार को केंद्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने पत्रकारों से बात करते हुए दी।
'कैच द रेन' नाम से चलेगा अभियान
कटारिया ने बताया कि स्वच्छता अभियान की तर्ज पर इसे चलाया जाएगा। इसमें लोगों की भागीदारी ज्यादा अहम होगी। 'कैच द रेन' नाम से चलने वाले अभियान में मानसून से पहले बारिश के पानी को एकत्रित करने वाली जगहों को साफ करने सुरक्षित बनाने पर जोर रहेगा। इसी दौरान लोगों को जल के महत्व के बारे में जागरूक बनाने का एक बड़ा अभियान छेड़ा जाएगा। इसमें पौने दो लाख नेहरू युवा केंद्रों की भूमिका को और कारगर बनाने पर जोर दिया जाएगा। कटारिया ने बताया कि यह अभियान देश के 623 जिलों में चलेगा। गांवों को भी योजना से जोड़ा जाएगा। वर्ष 2019 में जुलाई से सितंबर के बीच भी इसी तरह का अभियान चलाया गया था। लेकिन उसमें केवल 252 जिलों को शामिल किया गया था। इस दौरान भूजल की भारी कमी वाले चिह्नित ब्लॉक, जिलों और राज्यों को लक्षित करके 6,000 करोड़ रुपये की लागत वाली अटल भूजल योजना शुरू की गई। इस बार यह अभियान देशव्यापी होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले महीने रेडियो पर 'मन की बात' कार्यक्रम में इस बार के अभियान में पूरे देश को हिस्सेदार बनने का न्योता दिया है।
रेल और रक्षा मंत्रालय की भूमिका बहुत बड़ी होगी
बारिश के पानी को संरक्षित करने वाले इस अभियान में रेल और रक्षा मंत्रालय की भूमिका बहुत बड़ी होगी। इन दोनों मंत्रालयों के पास लाखों हेक्टेयर जमीन पड़ी हुई है, जहां बारिश के पानी को एकत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा खाद्य व सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय, नागरिक उड्डयन, शिक्षा और खेल व युवा मामले मंत्रालय की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।