देश की सुरक्षा को अभेद्य बनाएगी मोदी सरकार, भारतीय सेनाओं की इन कमानों से थर थर कांपेंगे दुश्मन
देश की सुरक्षा को अभेद्य बनाने के लिए केंद्र सरकार ने कई स्तरों पर सैन्य सुधार की प्रक्रिया चलाई है। जानें भारतीय सेनाओं को किन तकनीकों से किया जा रहा है लैस...
नई दिल्ली, एजेंसियां। देश की सुरक्षा को अभेद्य बनाने के लिए कई स्तरों पर सैन्य सुधार की प्रक्रिया चल रही है। दुश्मन के किसी भी हिमाकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए जहां सैन्य बलों के लिए अत्याधुनिक हथियारों का अधिग्रहण किया जा रहा है। वहीं, युद्ध की स्थिति में तीनों सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय के लिए देश के सैन्य ढांचे को पुनर्गठित भी किया जा रहा है। इसके तहत तीनों सेनाओं को मिलाकर दो से पांच थिएटर कमान बनाने की योजना है।
जम्मू-कश्मीर के लिए एक अलग थिएटर कमान
रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जम्मू-कश्मीर के लिए एक अलग थिएटर कमान बनाने की भी योजना है, जिसमें खुफिया ब्यूरो को भी शामिल किया जाएगा। सेना के लिए गेम चेंजर साबित होने वाले इन सुधारों की जानकारी खुद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को दी। उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा कि 2022 तक थिएटर कमान के गठन की संभावना है।
एयर डिफेंस कमान भी आएगी वजूद में
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल रावत ने यह भी उम्मीद जताई कि एयर डिफेंस कमान के तो अगले साल के मध्य तक ही अस्तित्व में आ जाने की उम्मीद है। इस कमान के तहत सेना के मिसाइल प्रणाली के साथ ही नौसेना की कुछ इकाइयों को भी रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की चुनौतियों के लिए सेना के अलग थिएटर कमान का गठन किया जाएगा। मौजूदा सैन्य ढांचे में यह एक बड़ा बदलाव होगा।
2021 के अंत तक पेनिनसुला कमान
सीडीएस जनरल रावत ने कहा कि नौसेना के पूर्वी और पश्चिमी कमान को मिलाकर 2021 के आखिर तक पेनिनसुला कमान का गठन कर दिया जाएगा। इसका हेड नौसेना का कमांडर होगा। इसके जिम्मे सर क्रीक से लेकर बंगाल की खाड़ी में सुदरबन तक भारतीय समुद्री सीमा की सुरक्षा होगी। युद्धपोतों की तैनाती और संचालन संबंधी मामलों में कमांडर को सैन्य मुख्यालय से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी।
चीन की सीमा पर एक से दो कमान संभव
जनरल रावत ने बताया कि चीन से लगती देश की पूर्वी सीमा की सुरक्षा के लिए एक से दो कमान का गठन किया जा सकता है। इसी तरह पाकिस्तान से लगती पश्चिमी सीमा के लिए जम्मू-कश्मीर में अगल थिएटर कमान तो होगा ही, जम्मू के दक्षिणी भाग में अंतरराष्ट्रीय सीमा के लिए एक अलग कमान का भी गठन किया जाएगा।
ट्रेनिंग-लाजिस्टिक्स थिएटर कमान
सीडीएस जनरल रावत ने बताया कि तीनों सेनाओं के लिए ट्रेनिंग व लॉजिस्टिक के लिए भी अलग से थिएटर कमान का गठन किया जाएगा। ट्रेनिंग कमान जहां सेना के तीनों अंगों के जवानों को एक समान और बहुआयामी ट्रेनिंग देगा। वहीं लाजिस्टिक थिएटर कमान सभी थिएटर कमान के बीच साजो-सामान पहुंचाने का काम करेगा। इसके अलावा विदेशों के थिएटर कमान के साथ तालमेल बिठाने का भी काम करेगा।
बड़ी खरीद के लिए नीति बनाने की वकालत
जनरल रावत ने सैन्य बलों के लिए बड़ी खरीद के लिए एक नीति बनाने की भी वकालत की। इसमें 114 लड़ाकू विमानों का अधिग्रहण भी शामिल है। सीडीएस ने कहा कि नौसेना के लिए विमानवाहक पोत की जगह पनडुब्बी हासिल करना ज्यादा जरूरी है। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता पनडुब्बी हासिल करना है।
अभी देश में कुल 17 कमान
देश में अभी सेना, नौसेना और वायुसेना के अलग-अलग कुल 17 कमान हैं। इनमें सेना और वायुसेना की सात-सात और नौसेना की तीन कमान शामिल है। इनके अलावा दो थिएटर कमान- अंडमान एवं निकोबार कमान और स्ट्रेटीजिक फोर्सेज कमान, जिसके तहत परमाणु हथियार हैं।
थिएटर कमान के फायदे
सेना के तीनों अंगों के 17 कमान मिलाकर दो से पांच थिएटर कमान के गठन से जहां खर्च में कटौती होगी, वहीं सैन्य बलों के बीच समन्यव बढ़ेगा और उनकी क्षमता मजबूत होगी। थिएटर कमान में सेना, वायुसेना और नौसेना एक इकाई के रूप में काम करेंगे, इसलिए युद्ध की स्थिति में उनके बीच बेहतर तालमेल रहेगा और वो दुश्मन के खिलाफ कार्रवाई के लिए ठोस रणनीति बना पाएंगे। अभी चीन और अमेरिका के पास इस तरह की व्यवस्था है।