गुजरात कांग्रेस के काम पर कपास ने पानी फेरा
कपास के निर्यात पर काग्रेसनीत केंद्र सरकार ने भले प्रतिबंध को पूरी तरह उठा लिया है लेकिन गुजरात काग्रेस इस मुद्दे पर बैकफुट पर आ गई है। प्रदेश के लाखों किसानों से सीधी तौर पर जुड़े कपास मामले ने चुनावी मौसम में काग्रेस की अब तक की मेहनत पर भी पानी फेर दिया है। भाजपा को बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया जिसे वह जनता के बीच जोर शोर से उठा रही है।
अहमदाबाद [जासं]। कपास के निर्यात पर कांग्रेसनीत केंद्र सरकार ने भले प्रतिबंध को पूरी तरह उठा लिया है लेकिन गुजरात कांग्रेस इस मुद्दे पर बैकफुट पर आ गई है। प्रदेश के लाखों किसानों से सीधी तौर पर जुड़े कपास मामले ने चुनावी मौसम में कांग्रेस की अब तक की मेहनत पर भी पानी फेर दिया है। भाजपा को बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया जिसे वह जनता के बीच जोर शोर से उठा रही है।
गुजरात प्रदेश कांग्रेस पिछले एक साल से मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ आक्रामक है, केंद्र के टूजी घोटाले, कॉमनवेल्थ घोटाले तथा पांच राज्यों में चुनावी हार के बावजूद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया, कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष एवं दिग्गज नेता शंकर सिंह वाघेला, नेता विपक्ष शक्तिसिंह गोहिल तथा पूर्व अध्यक्ष सिद्धार्थ पटेल की चौकड़ी ने गुजरात में अपने पक्ष में एक बेहतर माहौल तैयार कर लिया था लेकिन केंद्र सरकार की ओर से कपास निर्यात पर प्रतिबंध लगाकर प्रदेश में की गई पार्टी की सारी मेहनत पर पानी फेर दिया।
मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद गुजरात के स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर कपास निर्यात पर रोक तथा गौरक्षा के नाम पर कांग्रेस के अभियानों पर सांकेतिक भाषा में जवाब देते हुए कहा है कि गुजरात सरकार ने गाय व पशुओं की चिंता की है तभी पिछले एक दशक में राज्य का कृषि विकास 11 फीसदी तथा दूध का उत्पादन 66 प्रतिशत बढ़ा है।
मोदी ने अपने दस वर्ष के कार्यकाल को विकास का दशक बताते हुए कहा है कि गांव व गरीब तक हर सुख-सुविधा पहुंचाना उनकी सरकार का लक्ष्य है। दुनिया में कहीं भी विकास कीबात होती है तो साथ में गुजरात का नाम आता है। मोदी ने अपने संदेश में सरकार की हर उपलब्धि का डंके की चोट पर बखान किया साथ ही अपने राजनीतिक विरोधी को भी गर्भित भाषा में चेतावनी दी है।
पिछले माह केंद्रीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने मोदी को पत्र लिखकर कपास मुद्दे पर सरकारी नीति का खुलासा करते हुए कहा था कि वे जनता को गुमराह नहीं करें लेकिन एक ही सीजन में दो-दो बार कपास निर्यात पर से प्रतिबंध उठाने के मुद्दे पर अब भाजपा कांग्रेस पर सवाल उठा रही है।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम रूपाला ने केंद्र सरकार को आडे हाथ लेते हुए कहा है कि केंद्र सरकार ने खुद कांग्रेस की पोल खोल दी है। रूपाला ने कहा है कि आखिर कांग्रेस कब तक किसानों को आर्थिक संकट में धकेलती रहेगी। उन्होंने कहा कि कपास निगम भी सरकार के हाथों में खेल रहा है, केंद्र कपास निर्यात का दावा कर रहा है लेकिन किसान कपास की एक गांठ का भी निर्यात नहीं कर पाया है जिससे किसानों को दस हजार करोड़ के नुकसान हुआ है।
हालांकि गुजरात कांग्रेस के नेताओं ने प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, कांग्रेस राष्ट्रीये अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा वाणिज्य मंत्री से मिलकर कपास निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटवा दिया लेकिन इस फैसले में काफी देर हो चुकी है।
चुनावी मौसम में भाजपा इस मुद्दे को गांव-गांव तक पहुंचा चुकी है। भाजपा अध्यक्ष आर सी फलदू किसान हित यात्रा के जरिए किसान बहुल कच्छ, सौराष्ट्र व उत्तर गुजरात इलाकों के 14 जिलों में यात्रा निकाल चुके हैं। इस दौरान फलदू तथा स्थानीय मंत्री व विधायक 5 हजार किलोमीटर की यात्रा कर 84 जनसभाओं को संबोधित कर चुके हैं जिसमें उनका पूरा फोकस कपास के मुद्दे पर रहा।
कांग्रेस भले कपास निर्यात पर लगी रोक को हटवाने में सफल रही है लेकिन इसका पूरा श्रेय कांग्रेस अध्यक्ष के राजकीय सचिव अहमद पटेल को दिया जा रहा है जिसके चलते स्थानीय नेता बगलें झांक रहे हैं।
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