रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार राष्ट्रविरोधी कार्य, मामले फास्ट ट्रैक कोर्ट में जल्द निपटाए जाएं: 78 पूर्व सैन्य अधिकारी
रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार का असर रक्षा खरीद पर पड़ता है। इससे रक्षा खरीद रुक या टल जाती है। बोफोर्स मामले में भ्रष्टाचार का मामला इसका उदाहरण है। इसके चलते स्वीडिश कंपनी से तोपों की खरीद रुक गई थी। इसका अंतत देश की सुरक्षा पर असर होता है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार वास्तव में राष्ट्रीय सुरक्षा और देश की अखंडता के साथ समझौते का मामला होता है। इसलिए उन मामलों की जांच में तेजी लाने और उनकी सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होने की व्यवस्था बने। यह मांग देश के 78 पूर्व सैन्य अधिकारियों ने की है। इनमें एयर मार्शल (रिटायर्ड) एसपी सिंह, एयर मार्शल (रि.) दुष्यंत सिंह, वाइस एडमिरल (रि.) शेखर सिन्हा, लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) वीके चतुर्वेदी और लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) अरविंद शर्मा शामिल हैं।
रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार राष्ट्रविरोधी कार्य है, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए घातक
इन अधिकारियों ने संयुक्त बयान में कहा है कि रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार के मामलों को अन्य मामलों के समान मानकर नहीं चलना चाहिए। यह एक तरह का राष्ट्रविरोधी कृत्य होता है। जिसका सीधा असर राष्ट्र की सुरक्षा पर और सैनिकों के जीवन पर पड़ता है। यह एक तरह का आतंकवाद होता है जिसके दुष्प्रभाव बाद में सामने आते हैं।
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में दोषियों को जल्द दंडित किए जाएं
बयान में कहा गया है कि अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में हुए भ्रष्टाचार के मामले में दोषियों को दंडित कर इस सिलसिले की शुरुआत की जाए। इसका भविष्य में होने वाले रक्षा सौदों पर असर होगा, जिम्मेदार लोग गड़बड़ी में शामिल होने से बचेंगे।
हेलीकॉप्टर खरीद का सौदा मनमोहन के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के दौरान हुआ था
बयान में कहा गया है कि उन सभी लोगों को त्वरित प्रक्रिया से दंडित किया जाए जिन्होंने सौदे से किसी भी तरह का फायदा उठाया हो। ऐसे लोग बिचौलिए हो सकते हैं, सरकारी अधिकारी, राजनीतिक लोग और उनके रिश्तेदार हो सकते हैं। पूर्व अधिकारियों ने इस सिलसिले में अति महत्वपूर्ण लोगों के लिए हेलीकॉप्टर खरीद सौदे में कांग्रेस नेताओं और उनके रिश्तेदारों के शामिल होने का भी उल्लेख किया है। अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीद का यह सौदा मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के दौरान हुआ था।
भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को दंडित किए जाने से लोगों के बीच अच्छा संदेश जाएगा
संयुक्त बयान में कहा गया है कि भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को दंडित किए जाने से लोगों के बीच अच्छा संदेश जाएगा। साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वालों में भी भय पैदा होगा। दंड में देरी होने से भ्रष्टाचार करने वालों का हौसला बढ़ता है और उनकी गतिविधियां बढ़ती जाती हैं। यह स्थिति अस्वीकार्य होनी चाहिए।
रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार का असर रक्षा खरीद पर पड़ता है
पूर्व अधिकारियों ने कहा है कि रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार का असर रक्षा खरीद पर पड़ता है। इससे रक्षा खरीद रुक या टल जाती है। बोफोर्स मामले में भ्रष्टाचार का मामला इसका उदाहरण है। इसके चलते स्वीडिश कंपनी से तोपों की खरीद रुक गई थी। इसका अंतत: देश की सुरक्षा पर असर होता है। हालांकि कई दशक बाद देश में ही शानदार तोप बना ली गई।