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किसी भी वक्त सबसे खतरनाक हो सकता है CoronaVirus, पढ़ें- दुनिया भर के विशेषज्ञों की राय

Coronavirus जिन लोगों को हृदय व श्वसन संबंधी रोग हाइपरटेंशन या मधुमेह है उनमें मृत्युदर का फीसद अधिक पाया गया।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 09:29 AM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 03:18 PM (IST)
किसी भी वक्त सबसे खतरनाक हो सकता है CoronaVirus, पढ़ें- दुनिया भर के विशेषज्ञों की राय
किसी भी वक्त सबसे खतरनाक हो सकता है CoronaVirus, पढ़ें- दुनिया भर के विशेषज्ञों की राय

नई दिल्ली। Coronavirus : कोरोना वायरस का प्रकोप अपने शिखर पर कब होगा, इसको लेकर दुनिया के कई विशेषज्ञों के अलग-अलग अनुमान सामने आए हैं। कुछ ने सुझाया है कि नए संक्रमित लोगों की संख्या किसी भी दिन अपने उच्चतम स्तर तक पहुंच सकती है और यह किसी भी वक्त हो सकता है। वहीं कुछ का कहना है कि इसमें अभी महीनों लगेंगे और यह वायरस अपने शिखर तक पहुंचने से पहले करोड़ों लोगों को अपनी चपेट में ले लेगा।

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मुश्किल है पूर्वानुमान

कई चोटी के विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना के अपने शिखर पर पहुंचने की भविष्यवाणी करना बेहद मुश्किल है। वो भी ऐसे मामले में जब आपके पास अपूर्ण जानकारी हो।

आशावादी नजरिया

कोरोना वायरस को काबू करने में जुटे विशेषज्ञों में से एक चीनी डॉक्टर झोंग नंशान ने 11 फरवरी को कहा था कि कोरोना वायरस फरवरी के आखिर तक अपने शिखर पर होगा। सार्स वायरस का पता लगाने वाले झोंग का कहना है कि सरकार के प्रयासों से हालात कुछ काबू में आए हैं। यात्रा प्रतिबंधों और छुट्टियां बढ़ाने जैसे उपाय कारगर रहे हैं। चीन में करीब 70 हजार लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि जितने मामले सामने आए हैं, उससे कहीं ज्यादा लोग संक्रमित हैं।

संक्रमण दर अधिक

सांख्यिकीविद् सेबस्टियन फंक के अनुसार वुहान में एक संक्रमित व्यक्ति औसतन 1.5 से 4.5 लोगों को संक्रमित कर रहा है। यात्रा प्रतिबंध से पहले बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो चुके थे। उनके अनुसार कोरोना जब शिखर पर पहुंचेगा तब तक संक्रमितों की संख्या करीब दस लाख तक पहुंच सकती है।

सबसे भीषण अनुमान

जापान के महामारी विशेषज्ञ हिरोशी निशिउरा ने अनुमान लगाया है कि मई के आखिर तक इसका प्रकोप चरम पर रहेगा। इस बिंदु पर, एक दिन में 23 लाख मामले सामने आ सकते हैं। अनुमान है कि चीन में 55 से 65 करोड़ लोग संक्रमित होंगे, जो देश की आबादी का 40 फीसद हैं।

असर

लिउंग का कहना है कि चरम पर संक्रमित लोगों की संख्या कम करना महत्वपूर्ण है। अगर हर कोई एक ही समय में बीमार हो जाता है, पूरा समाज रुक जाता है।

अधिक मृत्युदर

हांगकांग विश्वविद्यालय के महामारी विशेषज्ञ गैब्रियल लियुंग का कहना है कि ये अनुमानों का चरम है। 9 फरवरी को झोंग द्वारा प्रकाशित रिसर्च पेपर में मृत्य दर की नई गणना से पता चलता है कि प्रति सौ (स्रोत: नेचर डॉट कॉम) मामलों में लगभग 1.36 मौतें होती हैं। यह संख्या बहुत अधिक है।

कोरोना के सर्वाधिक शिकार हैं बुजुर्ग

चीन में कोरोना से पीड़ित 44,672 मरीजों में सबसे ज्यादा 80 साल के ऊपर के बुजुर्ग हैं। जिनका फीसद 14.2 है। चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज एवं प्रिवेंशन सेंटर के अध्ययन के मुताबिक बढ़ती आयु के क्रम में लोग इसके ज्यादा शिकार हो रहे हैं। यह स्पष्ट इंगित करता है कि उम्र के साथ इंसान की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है।

मृत्युदर 2.3 फीसद

विश्लेषण में इस्तेमाल किए गए 44,672 मामलों में 1,023 लोगों की मौत हुई जो 2.3 फीसद है। इसमें पाया गया कि उम्र के साथ मृत्युदर भी बढ़ती जाती है।

ये बीमारियां घातक

जिन लोगों को हृदय व श्वसन संबंधी रोग, हाइपरटेंशन या मधुमेह है उनमें मृत्युदर का फीसद अधिक पाया गया। साथ ही कोरोना की गिरफ्त में महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा आ रहे हैं। पुरुषों की मृत्युदर का फीसद 2.8 जबकि महिलाओं का 1.7 फीसद है।

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