CoronaVirus : भारतीय दूतावास बोला, वुहान से पड़ोसी मुल्कों के नागरिकों को भी निकालने को हैं इच्छुक
भारतीय दूतावास ने कहा है कि वह वुहान से पड़ोसी देशों के नागरिकों को भी निकालने के लिए इच्छुक है बशर्ते विमान की क्षमता और जगह इसकी इजाजत दे तब...
नई दिल्ली, एएनआइ/पीटीआइ। चीन में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए दुनिया के दूसरे मुल्कों की तरह भारत ने भी बीते दिनों वुहान शहर से अपने नागरिकों को निकाला था। हालांकि, पाकिस्तान ने अपने नागरिकों को उनके हाल पर छोड़ दिया था। कई दूसरे पड़ोसी देशों के नागरिक भी चीन से नहीं निकल पाए थे। अब बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास ने कहा है कि भारत अपने सभी पड़ोसी देशों के नागरिकों को निकालने की इच्छा रखता है जो दिल्ली आना चाहते हैं बशर्ते विमान की क्षमता और जगह इसकी इजाजत दे तब...
दरअसल, भारत कोरोना वायरस से जूझ रहे चीन की मदद करने के लिए इस हफ्ते के अंत में एक राहत विमान भेज रहा है। यह विमान चिकित्सा सामग्री की एक खेप वुहान ले जाएगा। लौटते वक्त यह चीन में फंसे भारतीयों को लेकर आएगा। चीन में भारतीय राजदूत विक्रम मिस्री ने बताया कि यदि विमान की क्षमता ज्यादा लोगों को वुहान से लाने की इजाजत देगी तो भारतीयों के अलावा दूसरे पड़ोसी मुल्कों के नागरिकों को भी हम भारत ला सकते हैं। हालांकि, हमारी पहल विमान की क्षमता और उसमें स्थान की उपलब्धता पर निर्भर करेगी।
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को एयर इंडिया के उन क्रू सदस्यों को अपनी हस्ताक्षर वाला प्रशंसा पत्र दिया है जो दो विशेष फ्लाइटों के जरिए वुहान में फंसे 647 भारतीयों और मालदीव के सात नागरिकों को निकालने के अभियान में शामिल थे। मालूम हो कि वुहान ही वह शहर है जहां से कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले सबसे पहले सामने आए थे। नागरिक विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Aviation Minister Hardeep Singh Puri) ने यहां आयोजित एक समारोह में प्रत्येक चालक दल के सदस्य को प्रशंसा पत्र प्रदान किए।