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Coronavirus Vaccine News: जानें, भारत में कब और कैसे आ सकती है रूस की कोरोना वैक्सीन

Coronavirus Vaccine News रूस ने 11 अगस्त को दावा किया कि उसने अपने यहां एक टीका बना लिया है जिसका इंसानों पर करीब 2 महीने ट्रायल किया गया और फिर इसे मंज़ूरी दे दी गई।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 01:24 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 03:10 PM (IST)
Coronavirus Vaccine News: जानें, भारत में कब और कैसे आ सकती है रूस की कोरोना वैक्सीन
Coronavirus Vaccine News: जानें, भारत में कब और कैसे आ सकती है रूस की कोरोना वैक्सीन

नई दिल्ली, एजेंसियां। Coronavirus Vaccine News, दुनिया की पहली संभावित कोरोना वैक्सीन को रूस में मंजूरी मिलने के बाद अब इस वैक्सीन को अन्य देशों को उपलब्ध कराने और उन देशों में इसके उत्पादन को लेकर चर्चा चल रही है। कई बड़े देश और संगठन कोरोना वैक्सीन को लेकर फिलहाल रूस के संपर्क में हैं। रूस ने दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक V(Sputnik V) बनाने का दावा किया है। रूस की गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने इस वैक्सीन को बनाया है। रूस के मंत्री ने कहा कि इस टीके की पहली खेप अगले दो हफ़्तों में आ जाएगी और पहले ये मुख्य तौर पर डॉक्टरों को दी जाएगी।

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गामालेया के अलावा रूस में सिस्टेमा को इस वैक्सीन के प्रोडक्शन की जिम्मेदारी दी गई है, जो एक साल में वैक्सीन की लगभग 15 लाख खुराक बना सकती है। इस बीच रूस के प्रत्यक्ष निवेश निधि के प्रमुख किरिल दिमित्रीव ने कहा कि इस वैक्सीन की एक अरब खुराक के लिए 20 देशों से ऑर्डर मिल चुके हैं। चार देशों में अपने सहयोगियों के साथ रूस हर साल इसकी 50 करोड़ खुराक बनाएगा।

भारत में कब और कैसे आ सकती है वैक्सीन ?

देश में किसी भी बाहरी देश की कोरोना वैक्सीन को लाने से पहले उसका ठीक तरह से परीक्षण किया जाना सबसे अहम हिस्सा है। भारत में विदेशी वैक्सीन को लाने से पहले उसका फेज-2 और फेज-3 ट्रायल किया जाता है। इसकी मंजूरी डीसीजीआई यानी ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया द्वारा दी जाती है। वैक्सीन के फेज-2 और फेज-3 के सफल ट्रायल के बाद इसे हरी झंडी दी जा सकती है। यह प्रक्रिया देश में बाहर से आने वाली हर वैक्सीन के साथ अपनाई जाती है। 

वैक्सीन को लेकर सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी

देश के प्रतिष्ठित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने रूस द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन पर कहा है कि पहले यह सुनिश्चित किए जाने की जरूरत है कि यह वैक्सीन कितनी सुरक्षित और असरदार है। बुजुर्गों या गंभीर बीमारियों से पीडि़त लोगों पर अगर इसका परीक्षण किया जा रहा है तो उनकी सुरक्षा सबसे अहम मुद्दा है। यह देखना पड़ेगा कि वैक्सीन कितनी सुरक्षित और असरदार रहती है।

देश में ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन को मंजूरी

देश में अब तक सिर्फ एक विदेशी वैक्सीन के ट्रायल को मंजूरी मिली है। भारत में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी( की वैक्सीन के ट्रायल को मंजूरी मिल चुकी है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया(DGCA) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया(Serum Institute of India) को भारत में ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के दूसरे और तीसरे फेज के मानव ट्रायल की मंजूरी मिली है। जल्द ही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया अपने ट्रायल की शुरुआत करेंगी।

देश में तीन वैक्सीन का चल रहा ट्रायल

इस समय देश में तीन वैक्सीन को लेकर परीक्षण चल रहे हैं। एक वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ मिलकर विकसित किया है। इसी तरह से भारत बायोटेक और जाइडस कैडिला कंपनी ने भी अलग-अलग वैक्सीन तैयार किए हैं।

भारत में बनती है दुनिया की 60% वैक्सीन

भारत में विश्व की 60 फीसद वैक्सीन बनती हैं। हमारे पास बड़ी संख्या में वैक्सीन बनाने की क्षमता है। सरकार और वैक्सीन निर्माताओं ने भरोसा भी दिया है कि इसे बनाने की क्षमता को और बढ़ाया जाएगा जिससे यह सिर्फ अपने देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को उपलब्ध कराई जा सके। 


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