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Coronavirus: अब नोटों से भी संक्रमण का खतरा, रिजर्व बैंक ने बताया बचने का तरीका

Coronavirus विश्व स्वास्थ्य संगठन के सुझाव के बाद आरबीआइ का नोटिफिकेशन एनईएफटी यूपीआइ व बीबीपीएस फंड ट्रांसफर सुविधा 24 घंटे।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Fri, 20 Mar 2020 09:41 AM (IST)Updated: Fri, 20 Mar 2020 01:10 PM (IST)
Coronavirus: अब नोटों से भी संक्रमण का खतरा, रिजर्व बैंक ने बताया बचने का तरीका

जेएनएन, नई दिल्ली। Coronavirus:  कोरोना वायरस किसी भी सतह पर कई घंटे जीवित रह सकता है। इस दौरान यदि कोई उस सतह को छूता है तो वह इसकी चपेट में आ सकता है। नोट और सिक्के ऐसी ही चीज है, जिसका बहुतायत में इस्तेमाल होता है और उसे संक्रमण से बचाने का कोई उपाय भी रिजर्व बैंक नहीं कर पाया है। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन के बाद अब रिजर्व बैंक ने भी नोटिफिकेशन जारी कर लोगों से अधिकाधिक ऑनलाइन या कैशलेस पेमेंट का सुझाव दिया है।

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रिजर्व बैंक ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए सोशल कांटेक्ट कम करने के लिए लोगों को पेमेंट नोट की बजाय डिजिटली करने की सलाह दी है। आरबीआइ ने कहा, पेमेंट के लिए लोग अपनी सहूलियत के अनुसार मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग, कार्ड इत्यादि जैसे डिजिटल पेमेंट मोड का इस्तेमाल कर सकते हैं और पैसे निकालने या बिल का पेमेंट करने के लिए भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए। साथ ही, आरबीआइ ने कहा कि अब डिजिटल पेमेंट के विकल्प जैसे एनईएफटी, आइएमपीएस, यूपीआइ और बीबीपीएस फंड ट्रांसफर की सुविधा 24 घंटे दी जाएगी।

एक नोट में होते हैं करीब 26 हजार बैक्टीरिया : ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में 2012 कागज के नोट पर हुए शोध में सामने आया है कि एक नोट में करीब 26 हजार बैक्टीरिया होते हैं, जो इंसान के स्वास्थ्य के लिए घातक हैं। कोरोना वायरस भी कागज के नोट से तेजी से फैल सकता है क्योंकि नोट ज्यादा सर्कुलेट होता है। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अनुराग खटकड़ ने भी कागज के नोट पर बैक्टीरिया से बचाव को लेकर शोध किया है, जिसकी रिपोर्ट सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी को भेजी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार को तुरंत प्रभाव से कागज की करंसी को सैनिटाइज करना चाहिए।

चीन में नोट किए गए सैनिटाइज : डॉ. अनुराग खटकड़ ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी माना है कि कागज के नोट से संक्रमण अधिक फैलता है। कोरोना वायरस फैलने के बाद चीन ने भी कागज की करंसी को सैनिटाइज किया है। अन्य देश भी इस पर काम कर रहे हैं। मगर अभी तक भारत में इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। उन्होंने बताया कि अल्ट्रा वायलेट लाइट, डिस इनफिकेंट से सैनिटाइज किया जा सकता है। साथ ही करंसी को सैनिटाइज कर सात से 14 दिन तक स्टोर करें ताकि नोट के जरिए फैलने वाले संक्रमण को रोका जा सके।

डेबिट क्रेडिट कार्ड भी नहीं सुरक्षित : डेबिट व क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वाले भी सावधान रहें क्योंकि ये प्लास्टिक कार्ड हैं, जिस पर कोरोना वायरस 24 घंटे तक जिंदा रह सकता है। मशीन में इसके इस्तेमाल के दौरान आपके कार्ड पर भी यह वायरस आ सकता है इसलिए या तो इसका प्रयोग न करें या फिर इस्तेमाल के बाद इसका और अपने हाथों का सैनिटाइजेशन करें। इसी तरह एटीएम मशीनों पर भी संक्रमण का खतरा हो सकता है।


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