देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं, अपनी नाकामियां छिपाने को दहशत का माहौल बना रहे कुछ राज्य : हर्षवर्धन
सभी युवाओं के लिए कोरोना की वैक्सीन खोलने की मांग करने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। स्वास्थ्य मंत्री ने इन राज्यों में स्वास्थ्यकर्मियों फ्रंटलाइन वर्कर्स और 45 साल से अधिक उम्र के लोगों लगाई गई वैक्सीन का डाटा भी जारी किया।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। प्राथमिकता वाले समूहों के टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल किए बिना ही सभी युवाओं के लिए कोरोना की वैक्सीन खोलने की मांग करने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पंजाब, दिल्ली, छत्तीसगढ़ और खासतौर पर महाराष्ट्र पर निशाना साधते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने इन राज्यों में स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 45 साल से अधिक उम्र के लोगों लगाई गई वैक्सीन का डाटा भी जारी किया। वहीं सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने महाराष्ट्र सरकार की वैक्सीन की कमी के दावे को खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार के पास वैक्सीन की 23 लाख डोज मौजूद हैं।
कोरोना की भयावह स्थिति के लिए पूरी तरह से महाराष्ट्र सरकार को ठहराया जिम्मेदार
महाराष्ट्र सरकार को कोरोना की विस्फोटक स्थिति के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि संस्थागत क्वारंटाइन में रखे गए लोगों को पैसे लेकर छोड़ा जा रहा है और आम आदमी की जिंदगी को खतरे में डाला जा रहा है। केंद्र सरकार की हर संभव सहायता के बावजूद राज्य सरकार की नाकामी की वजह से पूरे देश की कोरोना के खिलाफ लड़ाई कमजोर हुई है। महाराष्ट्र में टेस्टिंग, ट्रैकिंग और आइसोलेशन के आधारभूत नियम का पालन नहीं किया जा रहा है। टेस्टिंग कम होने की वजह से महाराष्ट्र में संक्रमण की दर लगभग 25 फीसद पहुंच गई है, जो न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया में सबसे अधिक है।
18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों का टीकाकरण की मांग को बताया ध्यान भटकाने की साजिश
हर्षवर्धन ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य अपनी कमियों को छिपाने के लिए दहशत का माहौल खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। वैक्सीन की कमी और 18 साल से अधिक उम्र के सभी युवाओं को टीका लगाने की मांग संबंधी बयान इसी सिलसिले दिये जा रहे हैं। कोरोना वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता का दावा करते हुए उन्होंने बताया कि किस तरह से महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब और छत्तीसगढ़ प्राथमिकता वाले सभी समूहों को टीका लगाने में विफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्यों को स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों का टीकाकरण पूरा करने के बाद ही इसे 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को खोलने की मांग करनी चाहिए।
राजनीति के बदले स्वास्थ्य सुविधाएं सुधारने पर ध्यान दें
राज्यों को कोरोना पर राजनीति करने के बजाय स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने की सलाह देते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि कोवैक्सीन को भारतीय दवा महानियंत्रक (डीसीजीए) से इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मिलने के बावजूद छत्तीसगढ़ सरकार इसके खिलाफ दुष्प्रचार में जुटी रही। उन्होंने कहा कि राजनीति करना आसान है, लेकिन स्वास्थ्य ढांचा और शासन में सुधार लाना ही असली चुनौती है।
मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने कहा कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड की कमी है। 2-3 दिन में दूसरी डोज वालों को भी देना मुश्किल हो जाएगा। कल 1.76 लाख डोज थी जो अब और कम हुई होगी। केंद्र सरकार को मुंबई और महाराष्ट्र पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने यहां हेल्थ केयर और फ्रंट लाइन वर्कर्स को कोवैक्सीन देने से इन्कार कर दिया था। इस कारण केंद्र सरकार की ओर भेजी गई कोवैक्सीन के लाखों डोज का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। अब वहां भारी संख्या में कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। अब कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में वैक्सीन की कमी हो गई है।
कोवैक्सीन का इस्तेमाल नहीं करने के छत्तीसगढ़ सरकार के फैसले को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने वहां की जनता की बदकिस्मती करार दिया था। उनके अनुसार पूरी दुनिया भारत में बनी वैक्सीन लेना चाह रही है, ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार का फैसला समझ से परे है।