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Coronavirus News Update : दूसरी बार कोरोना संक्रमण में होता है यह....

ब्लूमबर्ग के अनुसार जब मार्च में उसमें कोविड-19 के हल्के लक्षण मिले और सार्स-सीओवी-2 संक्रमण का पता लगा। ठीक होने के चार महीने बाद वह दोबारा संक्रमित हो गया लेकिन उसमें इस बार कोई लक्षण नहीं थे। दोबारा संक्रमण के कारण सिर्फ एक महिला की पुष्टि हुई है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 11:31 AM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 11:31 AM (IST)
Coronavirus News Update : दूसरी बार कोरोना संक्रमण में होता है यह....
आइए जानते हैं कि दूसरी बार संक्रमित होने पर क्या होता है और कैसे सार्स-सीओवी-2 वायरस व्यवहार करता है।

नई दिल्‍ली, जेएनएन। कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद क्या व्यक्ति में इसके प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है और यह कितने वक्त तक बनी रहती है। यह सवाल ऐसे वक्त में बेहद महत्वपूर्ण है, जब कोविड-19 से दोबारा संक्रमित होने के मामले बढ़ रहे हैं। शोधकर्ता इसका अर्थ तलाशने में जुटे हैं। आइए जानते हैं कि दूसरी बार संक्रमित होने पर क्या होता है और कैसे सार्स-सीओवी-2 वायरस व्यवहार करता है।

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कम संक्रमित लेकिन खतरा ज्यादा: डेनमार्क की न्यूज एजेंसी बीएनओ ने अपने ट्रैकर पर 16 अक्टूबर को 24 वैश्विक मामलों की सूचना दी थी। पहला पुष्ट मामला हांगकांग के एक व्यक्ति में अगस्त में सामने आया था। ब्लूमबर्ग के अनुसार जब मार्च में उसमें कोविड-19 के हल्के लक्षण मिले और सार्स-सीओवी-2 संक्रमण का पता लगा। ठीक होने के चार महीने बाद वह दोबारा संक्रमित हो गया, लेकिन उसमें इस बार कोई लक्षण नहीं थे। दोबारा संक्रमण के कारण सिर्फ एक महिला की पुष्टि हुई है। हालांकि महिला को पहले से ही ब्लड कैंसर था।

दूसरी बार संक्रमण में होता है यह : बीएनओ न्यूज ट्रैकर ने 19 में से 10 मामलों में पाया कि दूसरी बार संक्रमण में पहले की अपेक्षा अधिक गंभीर लक्षण दिखाई दिए और पांच गंभीर रूप से बीमार हो गए। शोधकर्ताओं का विचार है कि हो सकता है कि दूसरी बार मरीज वायरस की अधिक मात्र के संपर्क में आया हो। वहीं शोधकर्ताओं के एक दल ने लैंसेट में प्रकाशित शोध में बताया है कि सभी को कोविड-19 के प्रति समान रूप से एहतियात बरतनी चाहिए।

बहुत तेजी से गिरती है एंटीबॉडी : कई अध्ययनों में सामने आया है कि संक्रमण के सात महीने तक शरीर में एंटीबॉडी बनती है। यद्यपि यह साफ नहीं है कि इसकी उपस्थिति पुन: संक्रमण को रोकने के लिए कितनी कारगर है। ब्लूमबर्ग के अनुसार शोध बताते हैं कि एंटीबॉडी का स्तर बहुत ही तेजी से गिरता है, खासतौर पर हल्के लक्षण वाले मामलों में। बीएनओ न्यूज ने जिन मरीजों को बारे में बताया है उनमें से ज्यादातर मरीजों में कोई लक्षण नहीं थे या कम थे।

असामान्य नहीं है दोबारा संक्रमण : वायरस के कारण दूसरी बार संक्रमित होना असामान्य नहीं है। हालांकि कुछ वायरस दूसरी बार संक्रमित होने से आपको जीवन भर बचाते हैं। सार्स-सीओवी-2 जैसे वायरस श्वसन संबंधी बीमारी देते हैं। जैसे यह ठंड और बुखार के लिए जिम्मेदार होते हैं, वैसे ही यह पुन: संक्रमित करने की क्षमता के कारण बड़े पैमाने पर प्रसार करते हैं। कई कारण होते हैं जिनके कारण व्यक्ति पुन: संक्रमित हो जाता है, जिसमें इम्यून सिस्टम की समुचित प्रतिक्रिया नहीं होना, इम्यूनिटी में कमी आना और वायरस में बदलाव आना शामिल है।


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