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Coronavirus News: कोरोना संकट में बेहतर इन देशों का काम, पड़ोसियों का ऐसा है हाल

Coronavirus News यदि हम भारत के पड़ोसियों की बात करें तो हम पाते हैं कि पाकिस्तान ने इस संकट से निपटने के लिए गंभीरता नहीं दिखाई।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 04 Jul 2020 08:35 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 09:26 AM (IST)
Coronavirus News: कोरोना संकट में बेहतर इन देशों का काम, पड़ोसियों का ऐसा है हाल
Coronavirus News: कोरोना संकट में बेहतर इन देशों का काम, पड़ोसियों का ऐसा है हाल

नई दिल्‍ली, जेएनएन Coronavirus News कोरोना वायरस के छह महीने बीतने के बाद हम अब भी इस महामारी पर काबू नहीं पा सके हैं। यह सच्चाई है, लेकिन कुछ लड़ाइयां लंबी चलती हैं। इस महामारी के साथ भी ऐसा ही है, जिससे हमें लंबे वक्त तक लड़ना पड़ेगा। एक नजरिए से देखें तो यह निराशाजनक बात है, लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है, जिसमें हम पाते हैं कि कई देशों ने इसे लेकर बेहतर काम किया है। न्यूजीलैंड, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने इस संकट को बेहतर ढंग से निपटा है। यदि हम भारत के पड़ोसियों की बात करें तो हम पाते हैं कि पाकिस्तान ने इस संकट से निपटने के लिए गंभीरता नहीं दिखाई, परिणामस्वरूप वहां के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। वहीं श्रीलंका ने इस महामारी के खिलाफ अच्छा काम किया है।

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जापान

कोरोना वायरस के खिलाफ जापान ने भी प्रभावी काम किया है। हालांकि कम टेस्टिंग को लेकर इसकी आलोचना भी हुई है। बावजूद इसके अब यहां 1,127 सक्रिय मामले हैं। यहां करीब डेढ महीने का हल्का लॉकडाउन लगाया गया था। हालांकि संपर्क टे्रसिंग के जरिए लोगों की पहचान कर आइसोलेट किया गया। लोगों पर सख्ती के बजाय उन्हें शारीरिक दूरी के उपायों के बारे में शिक्षित किया और उसका अनुसरण करने के लिए प्रेरित किया।

जर्मनी

जर्मनी ने मार्च में ही कोरोना वायरस को लेकर अपने लक्ष्य तय कर लिए थे। इसमें संक्रमण और मृत्यु दर को कम रखना, संक्रमितों का इलाज सुनिश्चित करना, आवश्यक सार्वजनिक सेवाओं का रखरखाव और सटीक जानकारी देना था। 15 मार्च से अपै्रल तक बड़ी संख्या में मामले सामने आए, लेकिन अब ये बहुत कम हो चुके हैं। इस महामारी के खिलाफ ब्रिटेन, फ्रांस और दूसरे यूरोपीय देशों की तुलना में जर्मनी ने बेहतर ढंग से काम किया।

न्यूजीलैंड

न्यूजीलैंड ने जून के शुरुआती सप्ताह में खुद को कोरोना मुक्त देश घोषित कर दिया था। हालांकि यहा पर अब भी कुछ मामले सामने आए हैं, लेकिन यह बहुत ही कम संख्या में हैं। यहां सख्त लॉकडाउन लागू किया गया और सीमाओं को बंद कर दिया गया।

मलेशिया

24 जनवरी को पहला मामला सामने आया था। यहां कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सख्त लॉकडाउन लगाया गया, जिसे कई बार बढ़ाया गया। इस दौरान आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी कार्यों को बंद कर दिया गया। ज्यादा संख्या में लोगों के एकत्रित होने को प्रभावी ढंग से रोका गया और अफवाहों के खिलाफ भी कई कदम उठाए गए। साथ ही टेस्टिंग और ट्रीटमेंट सेंटर बनाए गए।

ऑस्टे्रलिया

यहां पर सक्रिय मरीजों की संख्या 830 रह गई है और प्रति दस लाख लोगों पर एक लाख से ज्यादा लोगों का टेस्ट हो चुका है। यात्रा प्रतिबंध लगाए गए। घर से बाहर निकलने पर भी सख्त पाबंदियां लगाई गई।

भारत के पड़ोसियों का ये है हाल

पाकिस्तान

पाकिस्तान दुनिया का 12वां मुल्क है, जहां पर कोरोना सक्रमण के चलते सर्वाधिक लोग प्रभावित हैं। यहां पर लॉकडाउन नहीं लगाया गया, जिसका खामियाजा यहां के लोग भुगत रहे हैं। मामले लगातार बढ़ रहे हैं और कई प्रमुख व्यक्ति भी इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। कई बड़े आयोजनों में उमड़ी भारी भीड़ ने हालात को और खराब कर दिया। साथ ही प्रांतीय सरकारों के कारण लगाए गए लॉकडाउन के कारण कई जगह लोगों के भूखों मरने की नौबत आ गई।

बांग्लादेश

बांग्लादेश की हालत भी ठीक नहीं है। यहां पर डेढ़ लाख से ज्यादा मरीज हो चुके हैं। बांग्लादेश ने कोविड-19 को लेकर कई कदम उठाए। इनमें लॉकडाउन लगाने से विदेश से आने वालों की स्क्रीनिंग और यात्रा प्रतिबंध तक शामिल हैं।

श्रीलंका

भारत के पड़ोसी मुल्कों में कोरोना वायरस से निपटने में श्रीलंका सबसे बेहतर रहा है। यहां पर अभी तक सिर्फ 2,066 मामले आए हैं और मौतें भी 11 ही हुई है। प्रति दस लाख लोगों पर सिर्फ 0.5 लोगों की मौत हुई है। यहां पर सख्त लॉकडाउन लगाया गया था। बाहर से आने वालों के लिए एयरपोर्ट के बाहर क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए और कांटेक्ट ट्रेसिंग की गई।

नेपाल

नेपाल जैसे देश में भी कोरोना वायरस को लेकर सरकार विफल रही है। 23 जनवरी को चीन के वुहान से काठमांडु लौटे एक छात्र में कोरोना की पुष्टि हुई थी। हालांकि नेपाल के प्रधानमंत्री ने बढ़ते मामलों को लेकर भारत पर आरोप लगाए थे। यहां लॉकडाउन, सीमाएं बंद करने और यात्रा प्रतिबंधों जैसे कदम उठाए गए हैं।


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